पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा मुंबई हमले को लेकर दिए गए बयान से पाकिस्तान में कोहराम मैच गया। वही इस मामले में नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग ने सफाई दी है। पार्टी ने एक बयान जारी किया है जिसमें 26/11 को लेकर नवाज शरीफ के बयान पर सभी दावों को खारिज करते हुए कहा गया है कि उनके बयान की भारतीय मीडिया ने पूरी तरह गलत व्याख्या की है। पार्टी की इस सफाई को नवाज की बेट मरियम ने अपने ट्विटर पर शेयर किया है।
PMLN Spokesperson: pic.twitter.com/i1QTaD6D4d
— Maryam Nawaz Sharif (@MaryamNSharif) May 13, 2018
बयान में लिखा गया है, ‘पीएमएलएन’ अपने मुखिया के डॉन को दिए इंटरव्यू पर बयान देना चाहती है। हमारे नेता के बयान की भारतीय मीडिया ने पूरी तरह गलत व्याख्या की। दुर्भाग्य से पाकिस्तानी इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया इरादतन या गैर इरादतन ही सही लेकिन बिना सच जाने भारतीय मीडिया के इस प्रॉपेगैंडा को सही ठहराया।’ बयान में कहा गया है, ‘देश की सबसे लोकप्रिय राजनीतिक पार्टी और इसके मुखिया को पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के प्रति उनके समर्पण भाव के लिए किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नही है।
आखिरकार, वह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ही थे जिन्होंने पाकिस्तान के इतिहास में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए मई 1998 में देश को परमाणु शक्ति बनाने जैसे सबसे महत्वपूर्ण और कठिन फैसले लिए हैं।’ बयान में नवाज के अपने भाई शाहबाज को लेकर दिए बयान को भी तोड़-मरोड़कर पेश करने की बात कही गई है। बयान के मुताबिक, मियां शाहबाज शरीफ पीएमएल-एन के निर्वाचित अध्यक्ष हैं। वह चुनावी अभियान में सबसे आगे हैं और पीएमएलएन के संदेश को देश के हर कोने तक पहुंचा रहे हैं।
इसलिए, भविष्य में उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों को लेकर कोई भ्रम नहीं है। बता दें कि ‘डॉन’ को दिए इंटरव्यू में शरीफ ने पहली बार सार्वजनिक रूप से एक साक्षात्कार में माना था कि पाकिस्तान में आतंकी संगठन सक्रिय हैं। उन्होंने सरकार से इतर तत्वों के सीमा पार करने और लोगों की हत्या करने देने की पाकिस्तान की नीति पर सवाल उठाए थे। इसके साथ ही नवाज ने कहा था कि आतंकी संगठन सक्रिय हैं, क्या उन्हें सीमा पार करने और मुंबई में 150 लोगों की हत्या करने की इजाजत दे देनी चाहिए?
पकिस्तान की सेना ने भी उनके इस बयान को गंभीरता से लिया है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने टि्वटर पर कहा कि प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को उच्चाधिकार प्राप्त राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाने का सुझाव दिया गया। एनएससी शीर्ष असैन्य तथा सैन्य नेतृत्व का मंच है जो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करती है।
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