कांग्रेस ने कर्नाटक में विधायकों की कथित रूप से खरीद फरोख्त की कोशिश करने के लिए भाजपा पर करारा हमला किया। पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से, कल के शक्ति परीक्षण से पहले कांग्रेस एवं जद (एस) विधायकों को रिश्वत देने और प्रभावित करने की अपनी पार्टी नेताओं की कोशिशों की जांच का आदेश देने की आज मांग की।
कांग्रेस के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने यहां संवाददाताओं से कहा , ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के नंगे नाच की जांच के आदेश देंगे जिसमें उनकी पार्टी के विधायक शामिल थे…’’
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री को कांग्रेस एवं जद (एस) के विधायकों को खुलेआम फोन कर कांग्रेस एवं जद (एस) के चट्टान जैसे मजबूत गठबंधन को तोड़ने के इरादे से रिश्वत की पेशकश करने वाले विधायकों की जांच शुरू कर भ्रष्टाचार से लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता साबित करनी चाहिए। ’’
विपक्ष ने यह हमला भाजपा विधायक दल के नेता बी एस येदियुरप्पा के कल शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद किया। उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया था।
शेरगिल ने कहा कि जैसा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने पहले कहा था , कांग्रेस ‘‘ केंद्र सरकार को भाजपा ’’ और नफरत की राजनीति से मुक्त कराने के लिए गठबंधन तैयार करने के लिए अपने सहयोगियों के साथ काम करेगी।
उन्होंने कहा , ‘‘ सच्चाई यह है कि 2014 में भारत में नारा था ‘ घर घर मोदी ’ । 2019 में कांग्रेस सुनिश्चित करेगी कि वह ‘ बाय बाय मोदी ’ हो। इस समय हम दोस्त बना रहे हैं और राजग दुश्मन। ’’
कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि सरकार ने डीजल एवं पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर देश से 10 लाख करोड़ रुपये लूट लिए और ‘‘ लूट ’’ के धन का इस्तेमाल कर्नाटक में विधायकों को लुभाने के लिए किया गया।
उन्होंने कहा , ‘‘ आखिरकार पेट्रोल से जुटाए गए कर एक अथाह गड्ढ़े , एक अथाह कुएं में जा रहे हैं जिसका नाम भाजपा है जिसका इस्तेमाल सरकारें हाइजैक करने , लोकतंत्र को गिराने एवं कुचलने के लिए किया जा रहा है। ’’
शेरगिल ने पेट्रोलियम उत्पादों के बढ़ते मूल्यों को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कर्नाटक चुनाव के दौरान कीमतों में वृद्धि ना कर सरकार ने लोगों को जो फायदा पहुंचाया वह पूरे साल तक जारी रहे ताकि लोगों को ‘‘ पूरे साल इससे राहत ’’ मिले।
उन्होंने कहा , ‘‘ अगर प्रधानमंत्री स्वहित में , कनार्टक चुनाव के लिए ईंधन की कीमतों में वृद्धि को नियंत्रित कर सकते हैं तो जनहित के लिए पूरे साल ईंधन की कीमतों को नियंत्रित क्यों नहीं कर सकते। इसका मतलब है कि ईंधन की कीमत प्रधानमंत्री के लिए एक चुनावी हथियार भर है। ’’
कांग्रेस प्रवक्ता ने वाराणसी में हुए पुल हादसे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का लोगों से एकजुटता दिखाने के लिए अपने संसदीय क्षेत्र ना जाना यह दिखाता है कि उनके लिए वे घटनाएं मायने नहीं रखतीं जिनसे उन्हें चुनावी लाभ ना होता हो।
उन्होंने कहा , ‘‘ मोदी वाराणसी के सच्चे बेटे नहीं है। वह संवेदनहीन हैं , वाराणसी के सौतेले बेटे हैं जो अपने लोगों को तब भूल जाते हैं जब उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। उनके पास पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की नातिन की शादी के समारोह में जाने का समय है लेकिन वह वाराणसी नहीं जा सकते। ’’
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