ग्वालियर:डेंगू फैलाने वाला मच्छर दिन के समय काटता है। डेंगू बुखार का वायरस एडीज नामक मच्छर के काटने से मनुष्य के शरीर में पहुँचता है। यदि कोई मच्छर डेंगू वायरस (डेन वायरस) से संक्रमित हो जाए तो वह अपने पूरे जीवनकाल में डेंगू फैलाने में सक्षम बना रहता है। इसलिये डेंगू से बचाव के लिये मच्छरों से बचना नितांत जरूरी है।
जिले में मच्छरों व लार्वा के खात्मे के लिये विशेष अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर श्री राहुल जैन ने इस अभियान को और तेज करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं। साथ ही मलेरिया, डेंगू,चिकुनगुनिया से बचाव के लिये जन जागरण करने पर भी उन्होंने बल दिया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक यदि डेंगू से संक्रमित मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो डेंगू बुखार के लक्षण सामान्यत: 5 से 6 दिन के बाद मालूम पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि डेंगू से पीड़ित व्यक्ति का शारीरिक तापमान 102 से 104 डिग्री फेरनहीट तक पहुँच जाता है, जो दो से लेकर सात दिनों की अवधि तक रह सकता है। तेज सिरदर्द,आंखों के आस-पास दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द और शरीर पर चकते बनना इसके लक्षण हैं।
इनमें से दो या दो से अधिक लक्षण मिलें तो वह डेंगू संभावित मरीज हो सकता है। इसके साथ-साथ मसूड़ों से अथवा आंतों से खून बहना अथवा खून में प्लेटलेट्स का कम होना जैसे लक्षण पाए जाएं तो वह गंभीर प्रकार का डेंगू हो सकता है। ऐसी स्थिति में मरीज को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराकर डॉक्टर की सलाह के अनुसार उपचार लेना चाहिए।
घर के पानी के कंटेनर इत्यादि को ढंककर रखें। एक सप्ताह में कंटेनर का पानी जरूर बदलें। पैराथ्रम नाम की दवा को केरोसीन में मिलाकर घर के आस-पास छिड़काव करें। पूरी बांह के कपड़े पहनें तथा शरीर को ढंककर रखें। सोते समय मच्छरदानी लगाएँ।
नीम के पत्तों का धुँआ करें। खिड़की दरवाजों पर जाली लगवाएँ। घरों के आस-पास पानी इकट्ठा न होने दें। यदि पानी इकट्ठा हो तो उसमें मिट्टी का तेल अथवा जला हुआ तेल डालें। बुखार आने पर खून की जाँच अवश्य करायें। यदि डेंगू के लक्षण हों तो तत्काल निकटतम शासकीय चिकित्सालय में इलाज के लिये पहुँचें।