नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने मई 2014 में सत्तारूढ़ होने के बाद से विज्ञापनों पर 4,343 करोड़ रूपए खर्च किए हैं। केंद्र सरकार के ब्यूरो ऑफ आउटरीच ऐंड कम्युनिकेशन विभाग के वित्तीय सलाहकार तपन सूत्रधर ने 1 जून 2014 से अब तक दिए गए विज्ञापन की जानकारी मुहैया कराई। इसमें 1 जून 2014 से 31 मार्च 2015 इस दौरान 424.85 करोड़ रुपये प्रिंट मीडिया, 448.97 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और 79.72 करोड़ रुपये बाह्य प्रचार पर खर्च किए हैं।
इससे पहले यह खर्च कुछ ज्यादा रहा है। साल 2015-2016 आर्थिक वर्ष में 510.69 करोड़ रुपये प्रिंट मीडिया, 541.99 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और 118.43 करोड़ रुपये बाह्य प्रचार पर खर्च किए गए हैं। वर्ष 2016-2017 आर्थिक वर्ष में 463.38 करोड़ रुपये प्रिंट मीडिया, 613.78 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और 185.99 करोड़ रुपये बाह्य प्रचार पर खर्च किए गए। पिछले साल के आंकड़े यह बताते हैं कि इस प्रचार खर्च में कमी आई है। 1 अप्रैल 2017 से 7 दिसंबर 2017 के दौरान 333.23 रुपये करोड़ प्रिंट मीडिया पर खर्च किए हैं।
1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर 475.13 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और बाह्य प्रचार में 147.10 करोड़ रुपये, यह 1 अप्रैल 2017 से 31 जनवरी 2018 तक का खर्च है। यह बात भी सामने आई है कि मोदी सरकार ने 2017-18 आर्थिक वर्ष में इस खर्च में कटौती कर दी है। वर्ष 2016-17 आर्थिक वर्ष में कुल 1263.15 करोड़ रुपये खर्च करने वाली सरकार ने वर्ष 2017-2018 आर्थिक वर्ष में 955.46 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 308 करोड़ रुपये कम खर्च करते हुए करीब 25 प्रतिशत की कटौती की गई है।
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