रायपुर: छत्तीसगढ़ में चुनावी वर्ष में ही एक बार फिर भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक को लेकर अटकलों का दौर तेज हो गया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह के संकेतों के बाद छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाने की सुगबुगाहट भी होने लगी है।
खुद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस मामले में स्पष्ट संकेत दिए हैं। दरअसल, राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक से पहले राज्य भाजपा संगठन की ओर से केन्द्रीय नेतृत्व को विधिवत प्रस्ताव भेजा जा सकता है। इस मामले में केन्द्रीय नेतृत्व की मुहर लगने के बाद ही कोई अंतिम निर्णय होगा। हालांकि चुनावी साल में संंबंधित राज्यों मेूं ही भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठकें बुलाई जाती रही है।
इससे पहले भी छत्तीसगढ़ में एक बार भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हो चुकी है। राज्य गठन के बाद होने वाले वर्ष 2003 के पहले विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आयोजित की गई थी। उस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी समेत तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत भाजपा के कई दिग्गज यहां पहुंचे थे। कार्यसमिति के बाद हुए चुनाव के बाद भाजपा को सफलता भी मिली थी।
छत्तीसगढ़ में हुए पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज कर खाता खोला था। इसके बाद से ही लगातार भाजपा प्रदेश में सत्ता में बनी हुई है। इधर राजधानी में भाजपा के नए प्रदेश कार्यालय के बनकर तैयार होने के बाद से ही अटकलें तेज हुई है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने साफ कर दिया कि छत्तीसगढ़ भाजपा अब राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के लिए सक्षम हो चुकी है।
संभव हुआ तो वे खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से चर्चा कर आमंत्रित करेंगे। इधर छत्तीसगढ़ में नए सिरे से चुनावी सरगर्मियां बढ़ गई है। वर्ष 2018 शुरू होते ही छत्तीसगढ़ फिर से चुनावी वर्ष में प्रवेश कर जाएगा। वहीं राजनीतिक दलों के बीच घमासान का दौर भी तेज होगा।