देशभर में स्वतंत्रता दिवस पर यू पी की योगी सरकार ने मदरसों के लिए एक फरमान जारी किया है। बता दे कि यू पी में योगी सरकार का एक निर्देश फिर से चर्चा में आ गया है। दरअसल 15 अगस्त के कार्यक्रम की योगी सरकार ने तमाम मदरसों में वीडियोग्राफी कराने को कहा है, जिसके बाद से यह सवाल उठने लगा है कि आखिर ऐसा क्यों कहा गया है। हालांकि सरकार की ओर से जो निर्देश जारी हुआ है उसके अनुसार यह निर्देश इसलिए दिया गया है ताकि उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मदरसे के कार्यक्रम को भविष्य में प्रोत्साहित किया जा सके और आगे वर्षों में इसके आयोजन को बढ़ावा दिया जाए।
बता दे कि यू पी मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार की ओर से जो निर्देश जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि प्रदेश के समस्त मदरसों में राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रतता दिवस का आयोजन किया जाए। जिसमें झंडा रोहण, राष्ट्रगान, स्वतंत्रता संग्राम को शहीदों को श्रृद्धांजलि, मदरसे के छात्र व छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय गीतों का प्रस्तुतिकरण, सहित तमाम कार्यक्रमों के आजोन की बात कही गई है।
UP Madarsa Shiksha Parishad directs all Madarsas in the state to unfurl national flag and recite national anthem on August 15 pic.twitter.com/rZr44e1YXl
— ANI UP (@ANINewsUP) August 11, 2017
इसके साथ ही जो सर्कुलर जारी हुआ है उसमे कहा गया है कि तमाम जनपदों में स्थित सभी मदरसों को स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम को आयोजित कराने का निर्देश दिया जाए, साथ ही इसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करा ली जाए ताकि उत्कृष्ट श्रेणी के कार्यक्रमों को भविष्य में दोहराया जा सके और प्रोत्साहित किया जा सके।
वही इसके पीछे की वजह ये मानी जा रही है कि योगी सरकार ‘राष्ट्रीय पर्व’ को लेकर मदरसों की हकीकत का पता लगाना चाहती है। मदरसा परिषद बोर्ड की तरफ से 3 अगस्त को जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को लेटर भेजा गया, जिसमें इस पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है। निर्देश के अनुसार स्वतंत्रता दिवस पर सुबह 8 बजे तिरंगा फहराया जाएगा और सुबह 8 बजकर 10 मिनट पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
गौरतलब है कि प्रदेश में कुल 8000 मदरसे हैं। जो कि प्रदेश मदरसा परिषद के तहत आते हैं। इनमे से 560 मदरसे ऐसे हैं जोकि पूरी तरह से यूपी सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त हैं और यूपी सरकार ही इनका खर्च वहन करती है।
ऐसे में योगी सरकार के इस फैसले से कई मुस्लिम संगठनों ने सवाल उठाया है कि क्या सरकार उन्हें शक की नजर से देखती है। मदरसा प्रबंधक हाजी सैयद तहव्वर हुसैन ने कहा कि आजादी की जंग के लिए मदरसों ने बढ़चढ़कर लड़ाई लड़ी हैं, उसके बाद भी सरकार हमें शक की नजर से देख रही है।
हालांकि, मदरसा बोर्ड की तरफ से जारी इस फरमान का विरोध किया गया है। मदरसा संगठनों ने कहा है कि सरकार का ये निर्देश दुर्भाग्यपूर्ण है उन्हें शक की नजरों से देखा जा रहा है। मदरसा प्रबंधक हाजी सैयद तहव्वर हुसैन ने इस फरमान पर सवाल खड़े करते हुए कहा है, “जंग-ए-आजादी में मदरसा और यहां के शिक्षकों को बहुमूल्य योगदान रहा है। इसके बावजूद मदरसों को शक की निगाह से देखा जाना दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है।