कश्मीर में आईएसआईएस ने अपनी दस्तक दे दी है। आईएसआईएस ने पहली बार दावा किया है कि शुक्रवार को श्रीनगर के जकूरा में पुलिस स्टेशन पर हुआ हमला उसके आतंकवादी ने किया था। आईएसआईएस ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट एहमाक पर अरबी भाषा में लिखते हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली है। शुक्रवार को श्रीनगर में जकूरा पुलिस स्टेशन पर एक आतंकवादी हमला हुआ था।
इसमें एक सब इंस्पैक्टर शहीद हो गए, जबकि एक एसपीओ गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बाद में एक आतंकवादी की लाश पास के बाग से बरामद की गई थी। आतंकी ने आईएस की काले रंग की टी-शर्ट पहन रखी थी। आईएस की वेबसाइट एहमाक ने हमले के एक दिन बाद दावा किया कि जकूरा में पुलिस स्टेशन पर उसने हमला कराया था।
खुफिया जानकारी मिली है कि विश्व का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस भी कश्मीर में अपनी पौध लगाने में जुटा हुआ है। हाल ही में कश्मीर में इंटैलीजैंस एजैंसी ने एक ट्विटर हैंडल को ट्रैक किया है, 23 अक्तूबर को इस ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया था, जिसमें बताया गया कि कश्मीर में आईएसआईएस का पहला ग्रुप बनकर तैयार है। इस ट्विटर हैंडल को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है।
इंटेलीजैंस एजैंसी इस मैसेज की जांच कर रही है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में घाटी में अक्सर आईएसआईएस के झंडे देखने को मिलते रहे हैं और आतंकियों के ऑपरेशन में ढेर होने के बाद उनके ऊपर भी आईएसआईएस का झंडा देखने को मिला है। खुफिया एजैंसी के नोट में ये साफ-साफ खुलासा किया गया है कि @JackMoosa नाम के ट्विटर हैंडल से 23 अक्तूबर को एक ट्वीट किया गया था। इस ट्वीट में फोटो भी अटैच थी। ट्वीट से दावा किया गया कि कश्मीर में आईएसआईएस ने कदम रख दिया है। यहां उसका एक ग्रुप बनकर तैयार है। ट्वीट में ये भी बताया गया कि लोकल टेररिस्ट ग्रुप आईएसआईएस में निष्ठा दिखा रहे हैं।
आईएसआईएस से जुड़ा वीडियो भी किया जारी किया जिसको खुफिया एजैंसी ने डिकोड किया है। @JackMoosa के इस ट्विटर हैंडल से एक वीडियो भी जारी किया गया था। इस वीडियो से इस्लामिक स्टेट की ऑडियोलॉजी का प्रचार- प्रसार किया जा रहा था। ट्विटर हैंडल से दावा किया गया था कि ये मैसेज आईएसआईएस की ओर से जारी किए जा रहे हैं।एजैंसियां अब ऐसे ही अन्य ट्विटर हैंडल को ट्रैक कर रही हैं।
एजैंसियों को शक है कि सोशल मीडिया का सहारा लेकर कश्मीर में युवाओं को भटकाया जा रहा है। साथ ही खुफिया सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान के समर्थन से कुछ हैंडलर्स सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर कश्मीर में युवाओं को भड़का रहे हैं।
रेडिक्लाईजेशन की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने पहली बार एक स्पैशल डिविजन बनाकर इससे निपटने का अलग प्लान तैयार किया है। गृह मंत्रालय ने इसका नाम दिया है काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिक्लाईजेशन (सीटीसीआर) डिविजन। गृह मंत्रालय का एक ज्वाइंट सैक्रेटरी का अधिकारी इस डिविजन को हैड करेगा।
दरअसल जिस तरीके से सोशल मीडिया के जरिये आईएसआईएस अपनी पैठ बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करता है उससे निपटने के लिए मोदी सरकार ने ये अलग गृह मंत्रालय में डिविजन बनाकर बगदादी के लड़ाकों को भारत में घुसपैठ करने से रोकने की कोशिश है। ये नया डिविजन भारत से बाहर सोशल मीडिया से रेडिक्लाईज होकर सीरिया जाने वाले आईएसआईएस के आतंकियों पर नजर रखेंगे।