जम्मू कश्मीर की शीतकालीन राजधानी श्रीनगर के निचले इलाके में कर्फ्यू जैसी पाबंदियां आज दूसरे दिन भी जारी रही जहां आवामी एक्शन कमेटी (एसीसी) ने हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारूक के पिता मीरवाइज मौलवी मोहम्मद फारूक की पुण्यतिथि 21 मई को रैली निकालने की घोषणा की है।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि एमआर गंज, खानयार, सफा कदल, रैनवाड़ और नौहाटा थाना क्षेत्रों में अपराध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत पाबंदियां लगायी गयी हैं। किसी भी प्रदर्शन को रोकने के लिए ऐतिहासिक जामा मस्जिद के दरवाजे एहतियातन बंद रहे।
जामा मस्जिद जाने वाले सभी रास्तों को कांटेदार तारों से बंद कर दिया गया है और जामिया बाजार में पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया है।
नावा कदल, राजौरी कदल, गोजवारा, मालाराटा, बोहरी कदल और खानयार के मार्गों को कांटेदार तारों से बंद कर दिया गया है और किसी भी तरह की अप्रिय गतिविधियों की आशंका के मद्देनजर बुलेट प्रूफ वाहन तैयार रखे गये हैं।
इसी तरह की पाबंदियां खानयार, रैनवाड़ और मल्खा में लगायी गयी हैं। कराल खुर्द और मैसुमा में थाना क्षेत्रों में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए यहां भारी संख्या में अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।
श्रीनगर में कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के दौरान अलगाववादी नेताओं ने ‘लाल चौक चलो’ मार्च का आह्वान किया था जिसके कारण यहां के सिविल लाइन, पुराने शहर के अलावा निचले इलाकों में एहतियातन पाबंदियां लगायी गयी थी।
एसीसी के अध्यक्ष मीवाइज उमर ने घोषणा की है कि मीरवाइज मंजिल राजौरी कदल में भी रैली निकाली जाएगी। मीरवाइज मंजिल पर लोगों को जमा होने से रोकने के लिए यहां भी सुरक्षा बल को तैनात किया गया है।
श्री मोहम्मद फारूक की अज्ञात बंदूकधारियों ने 21 मई 1990 को उनके नगीन स्थित आवास पर हत्या कर दी थी। इसी दिन वर्ष 2002 में बंदूकधारियों ने पीपल्स कांफ्रेंस के संस्थापक अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन की भी हत्या कर दी थी। वह ईदगाह में श्री मोहम्मद फारूक को श्रद्धांजलि देकर बाहर निकल रहे थे।
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