जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा मानव बम घोषित किये जाने वाली पुणे की लड़की को छोड़ दिया गया है। 18 वर्षीय छात्रा को गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले खुफिया विभाग से सूचना मिलने के बाद पकड़ा गया था। डीजीपी एसपी वैद्य ने कहा, ‘हां, हमने उसे उसके परिवार वालों को सौंप दिया है।’ सादिया अनवर शेख कश्मीर आई थी और वहां पर बिजबबेहरा इलाके में पेइंग गेस्ट के तौर पर रह रही थी। पुलिस ने दावा किया था कि वो ISI में शामिल होने के लिये आई थी और उसे 25 जनवरी को दक्षिण को गिरफ्तार किया गया था। गहन पूछताछ के बाद पता चला कि उसने पढ़ाई छोड़ दी थी और कश्मीर के लोगों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई के खिलाफ उसकी ऑनलाइन ब्रेनवॉशिंग की गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि छात्रा के ऊपर लगे सभी आरोप गलत साबित हुए, इसलिए उसे जाने दिया गया। गौरतलब है कि छात्रा को गिरफ्तार किए जाने के वक्त ही कश्मीर रेंज आईजी मुनीर खान ने कहा था कि पूरी जांच होने से पहले छात्रा को मानव बम कहना सही नहीं है। महाराष्ट्र पुलिस ने कहा था कि छात्रा के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं है। पुलिस को दिए गए बयान में छात्रा ने बताया कि वह जम्मू-कश्मीर में पढ़ाई के लिए आई थी, क्योंकि 2015 में दाइश कट्टरपंथी के साथ ऑनलाइन चैट का खुलासा होने के बाद वह पुणे में पढ़ाई जारी नहीं रख सकी। दरअसल, छात्रा के बारे में पुलिस को दो साल पहले जानकारी मिली थी जब वह श्रीनगर स्थित दाइश आतंकवादियों के संपर्क में आई थी। हालांकि, काउंसलिंग के बाद उसमें सुधार होने लगा था।
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू–कश्मीर पुलिस को बताया था पुणे की एक महिला जिसे आतंकरोधी दस्ते ने कई बार गिरफ्तार किया है वो कश्मीर गई हुई है। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। नोट में कहा गया था कि ऐसे संकेत मिले हैं कि वो महिला गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के दौरान आत्मघाती हमला कर सकती है। 23 जनवरी को जारी किये गए नोट में कहा गया था, ‘समारोह स्थल पर पुलिस इस बात की तस्दीक करे कि वो सभी महिलाओं की जांच करे ताकि किसी भी तरह की अनहोनी घटना से बचा जा सके।’ शेख को पुणे में एटीएस ने 2015 में हिरासत में लिया था और उससे उसके अतंकियों और आईएसआईएस के साथ संबंधों को लेकर पूछताछ की थी। एटीएस ने दावा किया था कि वो सीरिया भी जाने वाली थी।
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