आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आज कहा कि राज्य के विभाजन के बाद प्रदेश को मिली केंद्रीय सहायता पर बहस करने तथा तेलुगु लोगों के हितों के लिए वह ”कोई भी बलिदान” देने को तैयार हैं । नायडू ने कहा, ”यह केंद्र सरकार और आंध्र प्रदेश के पांच करोड़ लोगों से जुड़ा मसला है। पांच करोड़ लोगों की तरफ से मैं एक बार फिर मांग करता हूं कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 में किये गए सभी वादों और राज्यसभा में दिये गए सभी आश्वासन को केंद्र सरकार पूरा करे।” गुंटूर जिले में एक कालेज का शिलान्यास करने के बाद वह लोगों को संबोधित कर रहे थे ।
मुख्यमंत्री ने कहा, ”मैने (पिछले चार साल में) 29 बार दिल्ली का दौरा किया लेकिन आम बजट में राज्य के हिस्से में कोई विशेष आवंटन नहीं किया गया है। पुनर्गठन अधिनियम में किये गए वादे को निश्चित तौर पर पूरा करना ही होगा । केंद्र ने अभी तक राज्य के लिये जो कुछ भी किया है उस पर मैं बहस के लिए तैयार हूं।”
We went with BJP for the sake of doing justice to the state of Andhra Pradesh. I visited Delhi 29 times & met everyone several times. Still justice has not been done. Even in the last budget, they did injustice to Andhra: Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu in Guntur (file pic) pic.twitter.com/90CblHl5br
— ANI (@ANI) February 17, 2018
उन्होंने कहा, ”जो भूल हमने नहीं की है, हमें उसके लिए सजा दी जा रही है। अगर तार्किक तरीके से राज्य का विभाजन किया जाता तो वर्तमान समस्याएं उठती ही नहीं। हम न्याय मिलने तक संघर्ष करते रहेंगे । तेलुगु लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए हम किसी प्रकार का बलिदान देने को तैयार हैं।” विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पर बरसते हुए नायडू ने आरोप लगाया कि वह मौजूदा स्थिति पर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।