श्योपुर :चंबल दायिनी मुख्य नहर से अलग नहर निकाले जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत 35 गांवों के किसानों ने शुक्रवार से अपना सात दिवसीय धरना शुरू कर दिया। इस कृमिक धरने से पूर्व किसानों ने शहर में एक विशाल रैली निकाली,जिसमें खूब नारे गूंजे।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार किसान संघर्ष समिति के बैनरतले शुरू हुए धरने से पूर्व किसानों ने एक विशाल रैली निकाली,जो पटेल चौक से प्रारंभ होकर बडौदा रोड,पुल दरवाजा, खरादी बाजार, टोडी बाजार,सूबात चौराहा,मैन बाजार होते हुए वापस पटेल चौक पर आकर समाप्त हुई।
जुलूश के दौरान किसान कहते हैं डंके की चोट पर,पहले नहर बाद में वोट,सूखे खेत करें पुकार,हमको पानी दो सरकार जैसे नारे गूंजे। इन नारों ने बर्बस ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। किसानों की विशाल भीड को देखकर लोग भी भौंचक्के रह गए। उनका कहना है कि यह पहला मौका है,जब किसानों की इतनी विशाल रैली शहर में निकली है।
रैली समाप्त होने के बाद किसानों ने सबसे पहले लोह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण किया। इसके उपरांत धरना शुरू किया। पहले दिन धरने पर पांडोला,माताजी की खेड़ली,बिलेंडी आदि गांवों के किसान बैठे। हालांकि आज किसानों की संख्या पांच गावों तक सीमित नहीं थी।
चूंकि पहला दिन था,इसलिए 35 गांवों के किसानों ने इसमें व्यापक भागीदारी की। किसानों के इस धरने को कांग्रेस समेत कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। इस दौरान धरने पर सैकडों की संख्या में किसान मौजूद थे।सात दिवसीय धरने के पहले दिन जिस तरह से किसान रैली एवं धरने पर आए,उससे शासन-प्रशासन को भी चिंता में डाल दिया है।
शासन-प्रशासन के पास जो खूफिया रिपोर्ट पहुंची है किसानों का कहना है कि धरने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा।किसान संघर्ष समिति के मुताबिक 16 दिसंबर को चंद्रपुरा, फिलोजपुरा, हलगांवड़ा, बमोरी, गोड़ाखेड़ी,17 दिसंबर को अजापुरा, गुर्जरगांवड़ी, प्रेमपुरा, चौंडपुर, गुवाड़ी,18 दिसंबर को किशोरपुरा, ईच्छापुरा, जैदा, नागदा, नगदी,19 दिसंबर बगवाड़ा, कनापुर, खिरनी, पीपल्दी, दौलतपुरा, 20 दिसंबर को ईछापुरा, रामगांवड़ी, काठोदी, श्रीजी की गांवड़ी, कूंडहवेली,21 दिसंबर को तुलसेफ दुकाडिया का खेड़ा, नारायणपुरा, लूंड, बमोरीजाट, भसूंदर के किसान धरने पर बैठेंगे।
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