चंडीगढ़ : पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए डेरा बाबा नानक से एक कोरीडोर बन जाए, इसके लिए प्रसिद्ध सिख विद्वान व भारतीय जनता पार्टी पंजाब के उपाध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने संक्रात मौके भारत-पाक सरहद पर जाकर अरदास की। इस अवसर पर उनके साथ करतारपुर कोरीडोर की मांग को लेकर लंबे समय से अरदास करते आ रहे बी.एस.गोराइया अपने साथियों के साथ मौजूद थे।
इकबाल सिंह लालपुरा ने बताया कि गुरुद्वारा श्री करतारपुर वह अस्थान है, जहां श्री गुरु नानक देव जी ने 17 साल तक खेती करके काम करने, लंगर शुरू करवाकर मिलकर खाने तथा सिमरन के नाम जपने तथा सिखी उसूलों की उदाहरण पेश की थी।
उन्होंने बताया कि हिन्दू तथा मुसलमानों के सांझे रहिबर के रूप में उनकी समाधि व कब्र वहां आज भी मौजूद है, जहां हर कौम के लोग चाहे वह हिन्दू हो, सिख हो तथा मुसलमान यहां नतमस्तक होना अपना सौभागय समझता है। यह गुरुद्वारा भारत-पाकिस्तान की सरहद पर पाकिस्तान की तरफ है, जहां से डेरा बाबा नानक द्वारा सीधा लगातार जाने के प्रबंधन के लिए भारत सरकार को अपील भी की गई।
लालपुरा ने अरदास मौके मौजूद संगत को भरोसा दिलाया कि वह सिख संगतों की भावनाओं को स्वयं केन्द्र सरकार तथा संबंधित मंत्रालय तक पहुंचाकर यह रास्ता जल्द ही पास करवाने में कामयाब होंगे। इस अवसर पर मनोहर सिंह चेतनपुरा ने संगत की तरफ से सिरोपा भेंटकर लालपुरा को अरदास में शामिल होने के लिए कहा। इस अवसर पर बी.एस.गुराइया के अलावा सरबजीत सिंह कलसी, भजन सिंह रोडवेज, गुरबचन सिंह रोडवेज, मनोहर सिंह, चेतनपुरा की अन्य संगत तथा अन्य श्रद्धालु मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जो कि डेरा बाबा नानक से साफ दिखाई देता है तथा भारतीय श्रद्धालुओं द्वारा इस अस्थान के दर्शनों के लिए खुले रास्ते की मांग के लिए पिछले लगभग 16 वर्षों से सिख संगतों द्वारा मासिक अरदास की रस्म निभाई जा रही है।
– उमा शर्मा