संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का आज 19वां दिन है। कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर अन्नाद्रमुक सदस्यों के जबर्दस्त नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिये स्थगित कर दी गई ।
निचले सदन में आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के मांग को लेकर तेलगू देशम पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस एवं अन्य दलों की ओर से पेश अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस को हंगामे के कारण आज भी आगे नहीं बढ़ाया जा सका । लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में असमर्थता जतायी ।
सदन में शोर-शराबे के कारण कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद जब दोपहर 12 बजे फिर से आरंभ हुई तो स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। हंगामे के बीच अध्यक्ष ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाया ।
इसके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कल ‘भारत बंद’ के दौरान हुई हिंसा को लेकर सदन में वकतव्य दिया । उन्होंने कहा कि सरकार अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक कानून को किसी भी तरह से कमजोर नहीं करेगी और आरक्षण को लेकर फैलायी जा रही अफवाहें निराधार हैं । उन्होंने देश में शांति व्यवस्था बनाये रखने में राजनीतिक दलों का सहयोग मांगा ।
उनके बयान के दौरान भी अन्नाद्रमुक सदस्यों की नारेबाजी जारी रही। इस दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, राकांपा और आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने टोका-टाकी की। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हंगामा कर रहे अन्नाद्रमुक के सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने को कहा।
उन्होंने कहा कि उनके पास अविश्वास प्रस्ताव के कई नोटिस आए हैं और सदन में व्यवस्था होने तक इस पर चर्चा करा पाना संभव नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने भी अन्नाद्रमुक के सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील की और कहा कि सरकार अविश्चास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है। इस बीच, अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने नारेबाजी जारी रखी। वे ‘वी वांट जस्टिस’ और ‘वी डिमांड कावेरी बोर्ड’ के नारे लगा रहे थे। सदन में हंगामा थमता नहीं देख सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले आज सुबह अन्नाद्रमुक के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी। तेलुगूदेशम पार्टी के सदस्यों ने भी अपने स्थानों पर खड़े होकर विरोध दर्ज कराया जो बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से ही आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग कर रहे हैं। तेदेपा सदस्य पीली पट्टिका डाले हुए थे।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए यहां क्लिक करें।