लुधियाना : फाजिलका कोर्ट द्वारा आम आदमी पार्टी के विधायक और पंजाब विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता सुखपाल सिंह खैहरा हालांकि गिरफतारी वारंट जारी होने के बाद जहां पार्टी में अकेले पड़ते नजर आ रहे थे, वहीं आज आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष व संसद मैंबर भगवंत मान ने सुखपाल सिंह खैहरा को पार्टी का निर्भय एवंं जिम्मेदार नेता करार दिया। जबकि नशा तस्करी और सोने की स्मगलीग के मामले में सेशन जज की अदालत के फैसले में घिरे सुखपाल सिंह खैहरा को जारी किए गए गैर जमानती गिरफतारी वारंट रदद करवाने के लिए आज सुखपाल सिंह खैहरा के वकील सैशन जज श्री संदीप सिंह जोशन की अदालत में अर्जी दाखिल की, जिस की सुनवाई 6 नवंबर को निर्धारित की गई है।
उधर भगवंत मान ने यह भी कहा कि सुखपाल सिंह खैहरा से संबंधित मामले संबंधी पार्टी ने कानूनी सलाह मांगी है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को देश की न्याय पालिका पर पूर्ण भरोसा है और यह भी यकीन है कि सुखपाल सिंह खैहरा इस पूरे मामले में से पाक-साफ निकल कर आएंगे। जबकि दूसरी तरफ सुखपाल सिंह खैहरा ने अकाली-भाजपा गठजोड़ समेत कांग्रेस पार्टी को लताड़ते हुए कहा कि उनके ऊपर सम्मन के मुददे पर जो हमले किए जा रहे है, वह दोनों सियासी पार्टियों का दोस्ताना चरित्र और छुपे गठजोड़ का खुलासा है। खैहरा ने आश्चर्य प्रकट करते हुए यह भी कहा कि दोनों पार्टियों ने अपने नेताओं के सरेआम भ्रष्टाचार और ड्रगस में शमुलियत का कभी भी एक-दूसरे का विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि अकाली दल-भाजपा ने कभी भी दागी-भ्रष्ट मंत्री राणा गुरजीत सिंह की बहुचर्चित रेत घोटाले पर एक भी शब्द नहीं बोले।
खैहरा ने कहा कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह, सुनील जाखड़ और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने विक्रम मजीठिया के ड्रग तस्करी में शमुलियत ऊपर साजिशन चुप्पी साध रखी है। चाहे जगदीश भोला, बिटटू औलख और जसवंत चाहल आदि जैसे तस्करों ने इनफोरसमेंट डायरेक्टर द्वारा तैयार की गई चार्जशीट में विक्रम का नाम एक दोषी के रूप में लिखा था। उन्होंने यह भी कहा कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह के खिलाफ लुधियाना सिटी सेंटर और अमृतसर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के दो भ्रष्टाचार मामले सामने आएं है। उन्होंने कहा कि बादल ने अपने कार्यकाल के दौरान आखिर 2016 में कैप्टन अमरेंद्र सिंह के खिलाफ दोनों घोटालों में कैंसलेशन रिपोर्ट फाइल की है। खैहरा ने कहा, यह सिर्फ लुधियाना के विधायक सिमरनजीत सिंह बैंस- प्रधान लोक इंसाफ पार्टी और वीर दविंद्र सिंह पूर्व डिप्टी स्पीकर है, जिन्होंने बादल द्वारा फाइ की गई कैंसलेशन रिपोर्ट को चुनौती दी है। खैहरा ने यह भी आरोप लगाए कि दोनों ही पार्टियों ने आम आदमी पार्टी को पंजाब विधानसभा की दौड़ से बाहर निकालने के लिए 2017 के चुनावों में गुपचुप समझौता किया था।
उधर भगवंत मान ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह मामला अदालती अधिकार क्षेत्र से संबंधित है, जिस कारण कानूनी सलाह आने तक कुछ भी ज्यादा बोलना उचित नहीं होगा। परन्तु इस मामले के पीछे राजनीतिक बदलाखोरी की साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि अतीत में ऐसी अनगिणत उदाहरणें मिलती हैं, जब सत्तापक्ष ने अपने विरोधी दल और विरोधी आवाज को दबाने के लिए अनेक प्रकार के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष हत्थकंडे अपनाती रही हैं। ऐसे हालात में आम आदमी पार्टी ना केवल सुखपाल सिंह खैहरा बल्कि अपने हर एक नेता, वलंटीयर व समर्थकों के साथ होने वाली बेइंसाफी के विरोधी डट कर खड़ी है।
महत्वपूर्ण पहलू यह है कि खैहरा भले ही अपने आप को सियासी बदलाखोरी का शिकार बता रहे हो किंतु सभी समीकरणों को देखे तो आम आदमीपार्टी फिलहाल दूर ही रहकर इस मामले को देख रही है।
– सुनीलराय कामरेड