चंडीगढ़ : हाइप्रोफाइल बराला प्रकरण में हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को बड़ा झटका लगा है। चंडीगढ़ जिला अदालत ने विकास बराला और उसके साथी आशीष पर शराब के नशे में गाड़ी चलाकर हरियाणा के आईएएस की बेटी वर्णिका कुंडू का पीछा करने, अपहरण करने के मामले में आरोप तय कर दिए हैं। इस मामले ने बड़े स्तर पर आक्रोश पैदा किया था और इसका काफी विरोध हुआ था।
अदालत ने मामले की सुनवाई 27 अक्तूबर तक स्थगित कर दी है दोनों आरोपियों ने अपनी एसयूवी में चंडीगढ की सड़कों पर 29 साल की डिस्क जाकी (डीजे) का उस समय पीछा किया था, जब वह पांच अगस्त को पंचकूला जा रही थीं। न्यायिक मजिस्ट्रेट बरजिंदर पाल सिंह ने आदेश दिया कि पुलिस की तरफ से आरोपपत्र में प्राथमिकी में मौजूद सभी आरोपों को जोड़ा जाए। बचाव पक्ष के वकील रबींद्र पंडित ने कहा, ‘‘विकास और आशीष के खिलाफ विभिन्न धाराओं 354 डी (पीछा करना), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 365 और 511 (अपहरण की कोशिश) सहित अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किये गये.’’ आरोपियों को महिला की शिकायत पर चार और पांच अगस्त की दरमियानी रात को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया था, क्योंकि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और मोटरयान कानून की जमानती धाराओं के तहत आरोप लगे थे।
उन्हें नौ अगस्त को फिर से गिरफ्तार किया गया था और उन पर धारा 365 और 511 के तहत अपहरण के प्रयास का आरोप लगा था। पिछले महीने अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार शर्मा की अदालत ने विकास की जमानत याचिका खारिज की थी। अभियोजन के वकील ने इससे पहले अदालत से कहा था कि युवती का ‘सदमा’ 5 .8 किलोमीटर लंबी सड़क पर करीब आधे घंटे चला। उन्होंने बचाव पक्ष के इस दावे का विरोध किया कि ‘‘किसी की कार के दरवाजे पर केवल खटखटाना अपहरण नहीं होता.’’ अभियोजन के वकील ने अदालत से कहा था कि आरोपी ने कार का दरवाजा जोर से खटखटाया और अगर पीड़िता ने बुद्धिमत्ता का परिचय नहीं दिया होता और सेंट्रल लाकिंग सिस्टम का प्रयोग नहीं किया होता तो आरोपी अपने मकसद में सफल होता। उन्होंने कहा था कि हड़बड़ाहट में युवती इतनी तेज रफ्तार से कार चलाने को मजबूर हुई कि उसकी जान भी जा सकती थी। बराला और कुमार ने पांच अगस्त को देर रात करीब साढे 12 बजे यहां एसयूवी में वर्णिका का कथित रूप से पीछा किया था।