लुधियाना : पंजाब में आतंकवाद के काले दौर के दौरान अपने दादा सरदार बेअंत सिंह को खो चुके लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा देश की कई बार बागडौर संभाल चुकी कांग्रेस प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का बुत पंजाब में 33वीं बरसी के मौके पर लगाने की घोषणा के बाद सियासत का पारा चढ़ चुका है। हालांकि शिरेामणि अकाली दल ने बाकायदा संवाददाता सम्मेलन करके कांग्रेस को बुत न लगाने की सलाह दी है। जबकि श्री अमृतसर स्थित चौक मेहता में दमदमी टकसाल के प्रमुख जत्थेदार हरनाम सिंह धूमा ने भी कांग्र्र्रेस के इस कदम की निंदा करते हुए इसे सिखों के जखमों पर नमक छिडक़ने समान कहा है।
उन्होंने कांग्रेस को खुलेआम धमकी देते हुए स्पष्ट किया है कि अगर कांग्रेसियों ने इंदिरा गांधी के बुत को पंजाब में कहीं भी लगाया तो दमदमी टकसाल समेत अधिकांश सिख संगठन इसका खुलकर विरोधता करेंगे। और बुत लगने वाले स्थान के सामने इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री निवास पर शरेआम गोलियां मारकर कौम के लिए शहीद होने वाले केहर सिंह व बेअंत सिंह की याद में उनकी प्रतिमाएं लगाई जाएगी। जबकि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने प्रतिमा संबंधित लगाए जाने को पंजाब का माहौल खराब होने को कहते हुए इस संबंध में पंजाब सरकार को पुन: विचार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा ना किया गया तो सूबे के हालात बिगाडऩे की जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होंगी।
आज सोमवार को अकाली दल (मान) से जुडे कट्टरपंथी सिखों ने लुधियाना रेलवे स्टेशन से कांग्रेस भवन तक मार्च के रूप में बाहर आकर न केवल स्व. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बुत लगाने का विरोध जताया बल्कि जरनैल सिंह भिंडरावाला सहित इंदिरा गांधी के कातिलों केहर सिंह व बेअंत सिंह के हक में नारेबाजी भी की, जिससे कुछ समय के लिए तनाव का माहौल बन गया। पुलिस के सुरक्षा प्रबंधों के चलते मान समर्थकों को बवाल ना करने के लिए समझा-बुझाकर प्रशासन ने घरों की ओर रवाना कर दिया।इधर, लुधियाना में देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में उनकी याद को समर्पित युवा कांग्रेस के नेताओं द्वारा आज निकाली जाने वाली रैली को रद्द कर दिया गया है। पंजाब युवा कांग्रेस के महासचिव विजै अगिनहोत्री व अजय पाल ने कल चंडीगढ में एक प्रेस कांफ्रेंस करके इस रैली के आयोजन का ऐलान किया था। साथ ही कांग्रेस भवन में उनकी प्रतिमा को स्थापित करने का ऐलान किया गया था। रैली को रद्द करने के संबंधी संपर्क करने पर अजय पाल ने बताया कि रैली के आयोजन संबंधी समाचार के न्यूज वेबसाइट के जरिये सोशल मीडिया पर प्रचारित होने के बाद फेसबुक आदि पर कट्टरपंथी व शरारती तत्वों की ओर से भडकाऊ कामेंट करने शुरू कर दिये गए थे।
जिसे देखते हुए उन्हें ऊपर से यह संदेश आया है कि कानून व्यवस्था की स्थिति में किसी प्रकार की कोई आंच न आए, इसलिए इस कार्यक्रम को आज के लिए स्थगित कर दिया जाए। अजय पाल ने बताया कि जिसके बाद उन्होंने आज प्रस्तावित रैली को रद्द कर दिया है, जोकि दरेसी मैदान, घंटा घर चौक से कांगे्रस भवन सपन्न होनी थी। साथ ही अजय पाल ने दोहराया कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी की कांग्रेस भवन में प्रतिमा लगाने का कार्यक्रम अभी भी ज्यों का त्यों है तथा 31 अक्टूबर को बलिदान दिवस के मौके पर स्व: प्रधानमंत्री की प्रतिमा कांग्रेस भवन में अवश्य स्थापित की जाएगी। अजय पाल ने तर्क में बताया कि इंदिरा गांधी ने देश की खातिर अपना बलिदान दिया है तथा उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। हालांकि लुधियाना युवा कांग्रेस के प्रधान राजीव राजा ने ऐसे किसी कार्यक्रम के अधिकारिक रूप से वास्ता होने से इंकार किया है तथा कहा कि लोकतंत्र में हरेक को अपने स्तर पर कार्यक्रम करने का अधिकार है।
जबकि चौक मेहता स्थित दमदमी टकसाल के जत्थेदार ज्ञानी हरनाम सिंह धुमा ने धमकी दी है कि अगर पंजाब कांग्रेस ने लुधियाना में इंदिरा गांधी का बुत लगाने का प्रयास किया तो वह सिख पंथ के नायक स. कहर सिंह, भाई सतवंत सिंह और भाई बेअंत सिंह के बुत लगाएंगे। उनका यह भी कहना था कि सिख पंथ जून 84 के दौरान श्री दरबार साहिब और अन्य 36 गुरूधामों पर तोपों और टैंकों के साथ हमला करके श्री अकाल तख्त साहिब का मटियामेल करने और हजारों निर्दोष सिंह-सिंहनियों को गोलियां मारने की जिम्मेदार इंदिरा गांधी जैसे जालिम रूह का बुत पंजाब की धरती पर स्थापित नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि इंदिरा के बुत लगाने से पंजाब में सदभावना के माहौल को खराब करने की गहरी साजिश है। हरनाम सिंह धुमा ने यह भी स्पष्ट किया कि लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिटटू गांधी परिवार और केंद्रीय लीडरशिप को खुश करने के लिए लुधियाना में बुत लगाना चाहते है। जिसे सिख पंथ द्वारा किसी कीमत पर पूरा नहीं होने दिया जाएंगा।
– सुनीलराय कामरेड