पंजाब सरकार जल्द ही संगठित अपराध को नियंत्रित करने केे लिए एक कानून बना सकती है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस संदर्भ में पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिंद्रा की अध्यक्षता में एक उप समिति बनाई गयी थी, उसकी एक बैठक हाल ही में हुई। बैठक में पुलिस महानिदेशक, पंजाब के महाधिवक्ता और अतिरिक्त गृह सचिव शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि 2012 से एक भी गिरोहबाज को राज्य में सजा नहीं हुई और तमाम मामलों में गिरोहबाज बरी हो गए। उनके बरी होने का कारण गवाहों का डर के मारे अदालत में मुकर जाना था। पिछले 20 सालों में पंजाब में 105 गिरोहबाजों को गिरफ्तार किया गया लेकिन इनमें से सिर्फ 10 को दोषी करार दिया गया।
प्रस्तावित कानून में एक प्रस्तावित प्रावधान इकबाले जुर्म एसएसपी रैंक के अधिकारी केे समक्ष किया गया तो स्वीकार्य होगा (आम तौर पर मजिस्ट्रेेट के सामने दिये इकबालिया बयान दिया जा सकता है)। अन्य प्रस्तावों में संगठित अपराधों केे फास्ट ट्रैक ट्रायल के लिए विशेेष अदालतों का गठन, जमानत पर रिहा अपराधी ने किसी अपराध को अंजाम दिया तो फिर उसे जमानत के लिए आवेदन करने तक की अनुमति न होने का प्रावधान जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।