लुधियाना- अमृतसर : पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव व प्रवक्ता मनदीप सिंह मन्ना ने कहा कि अमृतसर नगर निगम चुनावा में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने वार्ड टिक्टों में करवाई कथित बंदरबांट से कांग्रेस का पूरी तरह भाजपाईकरण कर दिया है। अमृतसर में अलग अलग वार्डों में बांटी गई टिक्टों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पंजाब में अकाली— भाजपा गठजोड़ नहीं बल्कि भाजपा— कांग्रेस गठजोड़ चल रहा है। अगर आज कांग्रेस पार्टी ने , आरएसएस के आदेशों पर नवजोत सिंह सिद्धू की और से पार्टी के अंदर लागू की जा रही नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद न की तो आने वाले लोक सभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को बड़ी राजनीतिक हानि का सामना करना पड़ा सकता है। मन्ना सिद्धू की ओर से भाजपा से कथित दाज में लाए गए वर्करों को टिकटें बांट कर टक्साली कांग्रेसी नेताओं को नजर अंदाज किए जाने में मामले में मीडिया के समक्ष पक्ष रख रहे थे।
मन्ना ने कहा कि कांग्रेस कर्मठ नेता दिनेश बस्सी को अंतिम पल तक टिक्ट न देकर उल्टा पार्टी हाई कमांड को अपने पद से त्यागपत्र देने की धमकी दे कर की गई ड्रामाबाजी ने, सिद्ध को अपनी कथित राजनीतिक औकात साबित करने का मौका दुनिया के सामने प्रदान कर दिया है। अंतिम पलों में एक ही सीट पर बस्सी और बब्बा दोनों को टिकट अथार्टी देकर कांग्रेस पार्टी और वर्करों को मूर्ख बनाया जा रहा है। सिद्धू की इस कार्रवाई से साबित हो गया है कि असल में सिद्ध की राजनीतिक मानसिक्ता सिर्फ एक पार्षद के स्तर की है। जिस में उलझ कर सिद्ध पार्टी हाई कमांड को त्यागपत्र देने की धमकियां देने लग पडा है। सिद्ध हमेशा से ही राजनीति और क्रिकेट आदि मेे भी अपने पद व पोजीशन छोडऩे की धमकियां देकर इमोशनल ब्लैकमेलिंग करता रहा है। यही सिद्धू का असल राजनीतिक अतीत और होशापन है।
मन्ना ने कहा कि सिद्धू ने पुराने कांग्रेसी वर्करों और नेताओं को नजर अंदाज करके अपने साथ भाजपा से लाए हुए दाज के करीब एक दर्जन वर्करों को टिकटे देकर कांग्रेस पार्टी के अंदर वर्करों और नेताओं में गृह युद्ध जैसी स्थिती पैदा कर दी है। जो पार्टी की एकता और बढिया छवि को प्रभावित करने वाला कदम है। हैरानी की बात है कि जिला कांग्रेस कमेटी और माझा के कथित कांग्रेसी जरनैल भी सिद्धू के आगे आत्म समर्पण करके पार्टी के दो रहे नुकसान को सफैद दिन की तरह देख कर अपनी जुबान बंद करके बैठे हुए है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि लोक सभा चुनावों के दौरान जो नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह का साथ छोड़ कर विरोधियों के साथ जुड़ गए थे उन नेताओं और उनके समर्थकों को सिद्धू ने टिकटे बांट का साबित करने की कोशिश की है कि सिद्धू कैप्टन अमरिंदर से भी बड़े कद का नेता है और वह पार्टी नियमों की कोई परवाह नहं करता है।
मन्ना ने कहा कि सिद्ध कांग्रेस के अंदर जो भी कर रहा है वह सब कुछ आरएसएस के इशारों पर करके पंजाब कांग्रेस के अंदर बिहार वाले राजनीतिक घटनाक्रम पैदा करना चाहता है। जिस से कांग्रेस पार्टी नेतृत्व को अभी से ही सुचेत हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कितनी हैरानी की बात है कि सिद्धू आम आदमी पार्टी के एक ऐसा नेता तो टिकट दे दी है जो विधान सभा चुनावों के तीन दिन पहले सिद्धू के साथ आकर मिले और मोटा फंड सिद्धू को चुनावों में दिया था। उस को टिकट देकर सिद्धू ने अपने इमानदार होने के सारे नकाब उतार दिए है। इतना ही नहीं सिद्धू एक कांग्रेसी नेता की टिकट काट कर अपने एक कथित फाइंनासर को देने की जिद्द इस लिए कर रहे है ताकि वह कांग्रेसी नेता कहीं आने वाले विधान सभा चुनावों में उकने मुकाबले ही न खड़ा हो जाए। मन्ना ने कहा कि सिद्धू की कथित सोच की नीचता तब सामने आ गई जिस में सिद्धू ने उस व्यक्ति की बत्नी को टिकट दे दिया जिस व्यक्ति ने अमृतसर पूर्व विधान सभा क्षेत्र में शमशान घाट की आई ग्रांट का घपला करने में कथित बड़ी भूमिका निभाई थी। जिस शामशान घाट कांड में सिद्धू की पत्नी का सीधे रूप में जोड़ा जा रहा है। अब सिद्धू ने उस घोटाले की फाईल को ही नगर निगम से गायब करवा दिया है। उन्होंने कहा कि अगर आज कांग्रेसी वर्कर और नेतृत्व न सभला को आने वाले समय में सिद्धू पार्टी का इतना नुकसान कर जाएंगे कि इस की भरपाई पार्टी कई वर्षों तक नहीं कर पाएगी। लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।
– सुनीलराय कामरेड