राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा है कि बेहतर जीवन जीने का प्रबंध सीखने के लिए राज्य के विद्यालयों में भगवद्गीता उपलब्ध कराई गई है। राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी आज यहां अक्षय पात्र फाउण्डेशन द्वारा आयोजित गीता-ज्ञान प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य के तेरह हजार पांच सौ विद्यालयों में इसे उपलब्ध कराया गया है।
उन्होंने कहा कि गीता जीवन जीने का एक तरह से प्रबन्ध है। देश-विदेश के प्रबन्ध संस्थानों में आज भगवद्गीता को प्रबन्धन के बड़ ग्रंथ के रूप में स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में भगवद्गीता इसीलिए उपलब्ध कराई गई है कि इसके जरिए विद्यार्थी बेहतर जीवन जीने का प्रबन्ध सीख सकें।
उन्होंने शांति और सुकून के साथ निष्काम कर्म के गीता के संदेश का जन-जन तक प्रचार किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ यदि गीता को आत्मसात करती है तो फिर किसी प्रकार की युगीन समस्याएं नहीं रहेगी।
इस मौके पर उन्होंने गीता-ज्ञान प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर कक्षा द्वितीय के जहीन नकवी को तथा कक्षा चार के जोरबिया नागौरी को पुरस्कृत किया। उन्होंने गीता फेस्ट पुरस्कार के तहत विद्यार्थियों को उनके गीता अध्ययन और गीता-ज्ञान के अंतर्गत सम्मानित भी किया।
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