राजस्थान में बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष किसे बनाया जाए इसे लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आज इस सिलसिले में दिल्ली में पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ मीटिंग करेंगी। इस पद को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे में एक राय नहीं बन पा रही है। गौरतलब है कि बीते कुछ समय से प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर राजस्थान बीजेपी के बीच तनातनी चल रही है। खबरों के मुताबिक दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के दौरान वसुंधरा राजे को समर्थन करने वाले उनके कैबिनेट मंत्री भी उनके साथ होंगे।
सूत्रों के अनुसार राजस्थान के मंत्री राव राजेंद्र सिंह, हेम सिंह भड़ाना, काली चरण सर्राफ और जसवंत सिंह बुधवार रात को ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। दरअसल, वसुंधरा राजे और उनके समर्थन में खड़े मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनने देना चाहते हैं। शेखावत के नाम पर वसुंधरा राजे पहले ही अपनी असहमति जाहिर कर चुकी हैं। कहा जा रहा है कि अगर वसुंधरा राजे की मांग मानकर शेखावत का नाम खारिज किया जाता है तो फिर अगला प्रदेश अध्यक्ष ना राजपूत होगा और ना ही जाट। सूत्रों की मानें तो राजे ने अपना दांव अरुण चतुर्वेदी पर लगाया है।
चतुर्वेदी राजस्थान सरकार में सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्री हैं और ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। ऐसे में उनके अध्यक्ष बनने से जाट और राजपूतों में किसी प्रकार का विरोध नहीं होगा। राजस्थान में विधानसभा चुनाव को सात-आठ महीने बचे हैं ऐसे में बीजेपी हाईकमान भी नहीं चाहेगा कि पार्टी में किसी तरह का विवाद हो। गौरतलब है कि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को नागपुर में मोहन भागवत से भी मुलाकात की है।
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