राजस्थान की उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कल राजसमन्द में बाल विवाह मुक्त राजस्थान का साझा अभियान की शुरूआत करते हुए कहा कि बाल विवाह की कुरीति को समाप्त करने के लिए पहले लोगों से समझाईश की जाए और उसके बाद भी कोई न मानें तो कानून का सहयोग लिया जाए।
उच्च शिक्षा मंत्री ने लोगों से कहा कि पढ़ाई की उमर में बच्चियों की शादी नहीं कराएं क्योंकि पढ़ाई की उमर में पढ़ाई हो और शादी की उमर में शादी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शादी बाद में भी हो सकती है लेकिन पढ़ाई का अपना समय होता है और यह समय बाद में नहीं मिल सकता है। उन्होंने कहा कि बेटियां राष्ट्र का गौरव बनें, इसके लिए हम सभी को मिलजुल कर प्रयास करना चाहिए।
बाल विवाह से राजसमन्द जिले को मुक्त कराने के लिए अणुविभा सभागार में आयोजित साझा अभियान के शुभारंभ समारोह में अतिथियों एवं बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओ ने संकल्प लिया कि बच्चियों को पढ़ाई की उमर में पढ़ाई कराएंगे और शादी की उमर मेंं शादी। अपने राजसमन्द जिले को अब बाल विवाह की कुप्रथा से मुक्त कराकर ही रहेंगे।
इस अवसर श्रीमती माहेश्वरी एवं महिला व बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल ने हरी झण्डी दिखाकर बाल विवाह मुक्त राजस्थान के साझा अभियान की जनचेतना रथ यात्रा की शुरूआत की। यह रथ जिले में 30 दिनों में 74 ग्राम पंचायतों का दौरा करेगा और इस दिशा में जन जागरुकता तथा जन भागीदारी के लिए व्यापक प्रयास करेगा।
श्रीमती भदेल ने प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान तथा प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे द्वारा लागू मुख्यमंत्री राजश्री योजना सहित बालिकाओं और महिलाओं के कल्याण की योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ उठाने का आह्वान किया।