राजस्थान विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी के वीडियो पर चले आ रहे गतिरोध के चलते सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिये स्थगित कर दी गई। सदन में शून्यकाल के दौरान शोरगुल के बीच अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी द्वारा वीडियो पर स्पष्टीकरण के बाद उनके द्वारा लाये गये विशेषाधिकार प्रस्ताव को मंजूर कर लिया।
अध्यक्ष ने प्रस्ताव को जांच के लिये विशेषाधिकार समिति को भेज दिया। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सदन में मामले की जांच एफएसएल द्वारा किये जाने की मांग को लेकर शोरगुल किया। अध्यक्ष ने बताया कि आसन किसी सदस्य द्वारा लाये गये विशेषाधिकार प्रस्ताव को जांच के लिये भेजने में सक्षम है।
संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने अध्यक्ष से एफएसएल जांच के लिये आग्रह किया। जिसे अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया। राठौड़ ने डूडी से कहा कि या तो प्रस्ताव वापस ले अन्यथा पछताना पडे़गा। डूडी ने अपने स्पष्टीकरण में संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ और उप मुख्य सचेतक मदन राठौड़ पर सदन में उनके विरूद्व झूठा आरोप लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि उन पर आरोप बिना किसी नोटिस के लगाये गये है।
उन्होंने कहा यह सदन के सदस्य का विशेषाधिकार का हनन है। उसके बाद उन्होंने विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश कर दिया जिसे अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया। गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मामला संदेनशील था। वीडियो झूठा है या इसमें छेड़छाड़ की गई है। इसकी जांच एफएसएल द्वारा की जा सकती है। इस पर विपक्ष के मुख्य सचेतक गोविन्द सिंह डोटासरा ने यह कहते हुए विरोध किया कि यह आसन के निर्णय का अनादर है।
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष ने जब प्रस्ताव को विशेषाधिकार समिति द्वारा जांच किये जाने का निर्णय ले लिया है। तब गृहमंत्री द्वारा एफएसएल की जांच उचित नहीं है। सत्ता पक्ष सदस्यों और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक के बीच सदन की कार्यवाही 1 बजकर 18 मिनट तक के लिये स्थगित कर दी गई।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।