राजस्थान में अजमेर के तीर्थराज पुष्कर मेले के तहत कार्तिक पूर्णिमा पर आज लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में डुबकी लगाई और पुण्य कमाया। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद सृष्टि के रचयिता जगतपिता ब्रह्माजी मंदर में पूजा अर्चना की और अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना की। पूर्णिमा लगते ही रात बारह बजे से ही कार्तिक पूर्णिमा का स्नान प्रारंभ हो गया लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में अलसुबह चार बजे ‘ शंखनाद’ के साथ श्रद्धालुओं, तीर्थ पुरोहितों, साधु संतों एवं पंडितों ने महास्नान में भाग लिया। रात से चल रहे इस महास्नान का क्रम आज शाम तक चलेगा जिसमें लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाकर पंचतीर्थ स्नान का समापन कर रहे है।
ब्रह्माजी ने इसी सरोवर वाले स्थान पर पांच दिनों तक यज्ञ किया था जहां उनके हाथ से कमल पुष्प छूटने पर ही पवित्र पुष्कर सरोवर का उछ्वव हुआ। यही कारण है कि एकादशी से शुरू हुआ पंचतीर्थ स्नान आज पूर्णिमा के दिन 33 करोड़ देवी देवताओं व ब्रह्मा जी के आह्वान के साथ संपन्न हुआ जिसमें बड़ मात्रा में भक्तों ने हिस्सा लिया।
सरोवर स्थित सभी समाजों के बावन घाटों पर श्रद्धालुओं ने समूह में स्नान कर पुण्य कमाया। सर्वाधिक भीड़ मुख्य गऊ घाट, ब्रह्म घाट एवं सिंधिया घाट सहित उत्तरांचल घाट पर बनी रही और श्रद्धालु स्नान के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा करते देखे गए।
आज ही के दिन ‘ देव दिवाली’ के मौके को देखते हुए श्रद्धालुओं ने सरोवर के घाटों पर ही हवन पूजन व दान पुण्य कर विशेष फल प्राप्ति की कामना की तथा महिलाओं ने एक जोड़ को भोजन कराकर यथाशक्ति वस्त्र आदि भी भेंट कर महास्नान को पूर्णता प्रदान की। स्नान के दौरान घाटों पर रंग बिरंगी राजस्थानी संस्कृति की छटा देखते ही बन रही थी। कस्बे के सभी बाजार व मंदिर श्रद्धालुओं की संख्या बल से तरबदर नजर आए। घाटों पर स्नान के दौरान विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई। गहरे पानी की ओर पानी में लाल झंडे दिखाकर खतरे का संकेत दर्शाया गया और सुरक्षा में लगे जवानों ने किसी को भी गहरे पानी की ओर नहीं जाने दिया। लगभग सभी ने सरोवर के किनारे स्नान के लिए तैयार कुंडों पर ही स्नान किया।
स्नान परंपरा के बाद स्वामी अचलानंद महाराज ने नशा मुक्ति के साथ साथ पुष्कर तीर्थ की पवित्रता व स्वच्छता बनाए रखने का संदेश दिया। नगर पालिका पुष्कर की ओर से घाटों पर प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन अभियान को पूरी जिम्मेवारी के साथ निभाया गया। पुष्कर पशु मेला समिति की ओर से आयोजित समापन समारोह में मेले के दौरान हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। जिसमें रस्सा कशी प्रतियोगिता में विदेशी महिलाओं ने देशी महिलाओं को मात दी। इस दौरान भीड़ अत्यधिक इकट्ठी हो जाने से पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़।
अजमेर निवासी गणेश की गाय को प्रथम स्थान दिया गया वहीं अजमेर के ही लोकेश की हॉलिस्टन गाय 39 किलोग्राम दूध देने वाली प्रथम गाय के रूप में सम्मानित हुई। समारोह में ग्रामीण खेलकूद, ऊंट दौड़, जलेबी रेस व आकर्षक झांकियों का प्रदर्शन तथा स्कूली छात्राओं द्वारा समूह नृत्य पेश किया गया। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम ने सभी का मन मोह लिया।
मेले के समापन पर ग्रामीणों, देशी विदेशी पर्यटकों व पुष्कर के समीपवर्ती क्षेत्रों के श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेकर मेले के अंतिम दौर को परवान चढ़या। पुष्कर की तरफ आने वाले विभिन्न मार्गों पर रंगबिरंगे परिधान पहने ग्रामीण एवं श्रद्धालुओं का रैला अभी भी नजर आया। सायं 5़ 45 बजे पूर्णिमा के मौके पर पवित्र सरोवर की महाआरती होगी तथा रात आठ बजे एक निजी कंपनी द्वारा पुष्कर सरोवर के हाई लेवल ब्रिज पर रंगारंग आतिशबाजी की जाएगी। इसके साथ ही पुष्कर मेला 2017 का पूर्णत: समापन हो जाएगा।