चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत को हराने के बाद पाकिस्तान ज़्यादा ही हवा में उड़ रहा है। भारतीय टीम द्वारा द्विपक्षीय सीरीज न खेलने पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शहरयार खान का मानना है कि भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज इसलिए नहीं खेलती क्योंकि उसे हार का डर रहता है। दोनों टीमों के बीच आखरी द्विपक्षीय सीरीज 2012 में हुई थी। चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत को हराने की वजह से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष का आत्मविश्वास काफी बढ़ा हुआ है और वो इस बहाने भारतीय टीम को चुनौती पेश कर रहे हैं।
बीसीसीआई और पीसीबी के बीच हुए एक समझौते के मुताबिक दोनों टीमों को 2015 से 2023 तक कई द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने थे। लेकिन भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि जब तक सीमा पार आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं होगा तब तक पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध नहीं बनाया जाएगा।
मुंबई में हुए 2008 के आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच क्रिकेट के रिश्ते भी बिगड़ गए थे। जिस वजह से 2012 की सीरीज छोड़ दे तो दोनों टीमें सिर्फ आईसीसी के टूर्नामेंट में ही साथ खेलती नजर आती हैं। आईसीसी के मैचों में हमेशा भारत का ही पलड़ा भारी रहा है लेकिन एक जीत ने ही पीसीबी अध्यक्ष का मनोबल काफी बढ़ा दिया है।
भारत ने विश्वकप और वर्ल्ड टी20 में खेले सारे 11 मैच अपने नाम किए हैं, वहीं चैंपियंस ट्रॉफी में मामला 2-2 से बराबर है। शहरयार खान ऐसा सोचते हैं कि भारतीय टीम इसलिए लगातार द्विपक्षीय सीरीज खेलने से इंकार करती आई है क्योंकि वो पाकिस्तान टीम से खौफ खाती है।
शहरयार खान ने कहा, ”चैंपियंस ट्रॉफी की जीत के बाद मैंने द्विपक्षीय सीरीज के लिए भारतीय टीम को न्योता दिया लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया क्योंकि वो हमारे साथ खेलने से डरते हैं”।