गोल्ड कोस्ट : भारतीय मिश्रित बैडमिंटन टीम ने दिग्गज लेकिन अब करियर के अवसान पर खड़े ली चोंग वेई की अगुवाई वाली और तीन बार की मौजूदा चैंपियन मलेशिया को फाइनल में करारी शिकस्त देकर राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार स्वर्ण पदक जीता। सात्विक रंकी रेड्डी और अश्वनी पोनप्पा ने मिश्रित युगल मैच में पेंग सून चान और लियु योंग गोह को 21-14, 15-21, 21-15 से हराकर भारत को अच्छी शुरूआत दिलायी। इसके बाद किदाम्बी श्रीकांत ने तीन बार के ओलंपिक रजत पदक विजेता ली को सीधे गेम में 21-17, 21-14 से पराजित किया।
रंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी हालांकि गोह और वी कियोंग टान से 15-21, 20-22से हार गयी लेकिन शानदार फार्म में चल रही साइना नेहवाल ने सोनिया चीह को महिला एकल में 21-11, 19-21, 21-9 से हराकर मलेशिया की वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना ने कहा कि मैं थक गयी थी। असल में मैच के दौरान मेरी एकाग्रता टूट गयी थी लेकिन मैं खुद को संभालने में सफल रही और स्वर्ण पदक जीतने वाला शाट लगाने में सफल रही।
साइना की जीत के बाद एन सिक्की रेड्डी और अश्विनी की महिला युगल जोड़ी को खेलने की जरूरत नहीं पड़ी। इससे पहले भारत ने 2010 में मिश्रित टीम स्पर्धा में रजत जबकि 2006 में कांस्य पदक जीता था। साइना ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि टीम का कोई खिलाड़ी आज सोएगा। मैं कल आराम करूंगी और फिर एकल के बारे में सोचूंगी।
देश की हर छोटी-बड़ी खबर जानने के लिए पढ़े पंजाब केसरी अखबार।