नई दिल्ली : कॉमनवेल्थ खेलों मे लगातार तीन स्वर्ण पदक जीतने वाले सुशील कुमार को हमेशा एक मलाल खलता है कि वह एशियाड मे स्वर्ण पदक नहीं जीत पाए हैं। दो ओलंपिक पदक जीतने वाले सुशील विश्व चैंपियनशिप मे भी स्वर्ण जीत चुके हैं और इस बार एशियाई खेलों मे स्वर्ण के साथ सौ फीसदी कामयाबी वाला रिकार्ड कायम करना चाहते हैं। भारतीय रेलवे द्वारा आयोजित सम्मान समारोह मे उन्होने अपनी भावी योजना के बारे मे बताया कि यदि फिट रहे तो टोक्यो ओलंपिक तक अपना शानदार रिकार्ड जारी रखना चाहते हैं। सुशील के अनुसार वह आज भी उतने ही फिट हैं जितने लंदन ओलंपिक मे थे।
रोज सुबह जल्दी उठ कर नियमित कसरत और कुश्ती का अभ्यास उनकी दिनचर्या है। उन्हें याद नहीं कि किसी भी दिन मेहनत और जोर ना किया हो। वह रियो ओलंपिक से पहले के प्रकरण को भुला देना चाहते हैं और सबसे पहला टारगेट आगामी एशियाड को बताते हैं। साथ ही गोल्ड कोस्ट खेलों से पहले प्रवीण राणा के साथ हुए विवाद को भी याद नहीं करना चाहते।
कामनवेल्थ मे भारतीय पहलवानों के प्रदर्शन को सुशील ने शानदार बताया और कहा कि पहलवान किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और एशियाई खेलों मे भी अपने प्रदर्शन को बनाए रखेंगे। सुशील हालाँकि भारतीय रेलवे मे कार्यरत हैं पर दिल्ली सरकार के शिक्षा और खेल विभाग के ओएसडी की हैसियत से काम कर रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि छत्रसाल स्टेडियम में अभ्यास की सुविधा है , जहाँ उन्हें कोच वीरेंद्र का सहयोग मिल रहा है।
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(राजेंद्र सजवान)