सिडनी : आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने आज कहा कि वह अफगानिस्तान में और सैनिकों को भेजने के उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के अनुरोध पर विचार कर रहा है। श्री टर्नबुल ने यहां पत्रकारों से बातचीत में नाटो सेना के अधिकारियों के अनुरोध के बारे में हालांकि विस्तार से नहीं बताया। उन्होंने कहा कि पिछले महीने अफगानिस्तान की यात्रा के दौरान नाटो ने उनसे अफगानिस्तान में और सैनिक भेजने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा,”हम वहां सैनिक बढ़ाने के बारे में विचार कर रहे हैं लेकिन हमें क्षेत्र और दुनिया के अन्य हिस्सों में अपने आस्ट्रेलियाई रक्षा बलों की प्रतिबद्धताओं को भी देखना है।”
उन्होंने कहा, ”यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम और हमारे गठबंधन के सहयोगी अफगानिस्तान में एक साथ मिलकर काम करें।” आस्ट्रेलिया के इस समय अफगानिस्तान में लगभग 300 सैनिक तैनात हैं जो अफगानी सैनिकों को प्रशिक्षण और सलाह दे रहे हैं। अमेरिका के एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने कल कहा था कि अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति खराब होने की आशंका है इसलिए अमेरिका और नाटो गठबंधन के सहयोगियों को सैनिकों की संख्या में इजाफा करना होगा।
नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलनबर्ग ने इस सप्ताह कहा था कि गठबंधन और सैनिकों के आग्रह पर विचार कर रहा है। हालांकि नाटो के सदस्य जर्मनी ने कहा है कि अफगानिस्तान में अपने और सैनिकों की उसकी कोई योजना नहीं है। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कल कहा कि उत्तरी अफगानिस्तान में नाटो के सैन्य प्रशिक्षण मिशन की जर्मनी लगातार अगुवाई करता रहेगा, लेकिन वहां अपनी उपस्थिति बढ़ाने की उसकी फिलहाल कोई योजना नहीं है।
सुश्री मर्केल ने कहा वह अफगानिस्तान में अधिक सैनिक भेजने के लिए गठबंधन सैन्य अधिकारियों के अनुरोध पर नाटो के आकलन का इंतजार करेगी। उन्होंने नाटो के महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग के साथ बैठक में कहा, ”मुझे नहीं लगता कि हम अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए पहल कर रहे हैं और अफगानिस्तान में सुरक्षा की गारंटी को सुनिश्चित करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।’
(रायटर)