इंडिया के लिए NSG Membership के रास्ते में चीन लगातार रोड़ा बना हुआ है। चीन नहीं चाहता है कि इंडिया इसमें शामिल हो । ऐसे में इंडिया ने निर्यात नियंत्रक 2 संगठनों wassenaar arrangement और Australia Group में शामिल होने के लिए सक्रियता से कोशिश शुरू कर दी है। आपको बता दे कि इन दोनों ही सगंठनों में चीन शामिल नहीं है इसलिए इंडिया को सदस्यता मिलने में कोई मुश्किल नहीं होनी चाहिए ।
एक अधिकारी ने कहा कि Wassenaar arrangement की सदस्यता के लिए आवेदन की प्रकिया शुरू की जा चुकी है। इन 2 संगठनों में शामिल होने से परमाणु अप्रसार को लेकर इंडिया की विश्वसनीयता बढ़ेगी साथ ही NSG में भी इंडिया की दावेदारी को मजबूती मिलेगी।
दोनों समूहों में प्रवेश भारत की अप्रसार विश्वसनीयता को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है और मजबूत मामला तैयार कर सकता है क्योंकि देश 48 सदस्यीय NSG की सदस्यता की मांग कर रहा है।
सरकार ने हाल में SCOMET (Special Chemicals, Arguments,Materials, , Equipment and Technologies) वस्तुओं को भी मंजूरी दे दी जो wassenaar arrangement के तहत ज़रूरी है। वस्तुओं की संशोधित सूची के जरिये इंडिया अप्रसार के प्रति अपनी महती प्रतिबद्धता के बारे में संदेश भेज सकता है।
28 देश ऐसे हैं जो परमाणु निर्यात नियंत्रतक चारों संगठन NSG, Australia Group, wassenaar arrangement और Missile Technology Control Regime (MTCR) के सदस्य है। इंडिया 35 सदस्यों वाले MTCR) में पिछले वर्ष शामिल हुआ था। wassenaar arrangement और Australia Group में शामिल होने के बाद इंडिया के पास अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर किए बिना सदस्य देशों के साथ पास जाकर बातचीत का एक मौका देगी और इसकी विश्वसनीयता को मजबूत बनाएगी।
इस ग्रुप की Membership आम सहमति से दी जाती है, जैसा NSG के मामले में होता है। इंडिया ने पिछले वर्ष NSG की Membership के लिये आवेदन किया था, लेकिन उसके प्रयास की राह में चीन रोड़ा अटका रहा है। आपको बता दे कि चीन का कहना है कि NSG की Membership हासिल करने की पूर्व शर्त NPT पर हस्ताक्षरकर्ता होना चाहिये। न तो चीन और न ही पाकिस्तान इन दोनों में से किसी का सदस्य है।
निरस्त्रीकरण और अप्रसार पर प्रधानमंत्री के पूर्व विशेष दूत राकेश सूद ने कहा कि इंडिया इन निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि 41 देशों के wassenaar arrangement के एक दल ने इस वर्ष की शुरूआत में नयी दिल्ली का दौरा किया था।
Atom in the Observer Research Foundation और अंतरिक्ष पहल की प्रमुख राजेश्वरी पिल्लै राजगोपालन ने कहा कि wassenaar arrangement और Australia Group में प्रवेश इंडिया के NSG में प्रवेश के प्रयास के बारे में कुछ देशों में संशय को खत्म करने में मदद करेगा, जो अब भी हाशिये पर हैं।
उन्होंने बताया चीन की ओर से जोरदार विरोध की वजह से फिलहाल NSG में इंडिया की Membership बिल्कुल अनिश्चित है। इस बीच, अन्य ग्रुप्स में उसकी Membership इंडिया को उन देशों के साथ बातचीत करने का अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगी, जो चारों अप्रसार ग्रुप्स के सदस्य हैं।