इस्लामाबाद : पाकिस्तानी अधिकारियों ने ”जासूसी” के आरोपों पर सैन्य अदालत से मौत की सजा पाने वाले भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी पर अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत से रोक लगाए जाने पर आज चुप्पी साधे रखी। पाकिस्तान ने हेग स्थित आईसीजे के आदेश पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
स्थानीय मीडिया ने भारत के दावे को खारिज कर दिया है। जियो टीवी ने कहा कि आईसीजे के अधिकार क्षेत्र में पाकिस्तान नहीं आता क्योंकि यह दोनों पक्षों की सहमति से ही मामले पर संज्ञान ले सकता है।
डॉन की ऑनलाइन वेबसाइट ने रोक के आदेश के भारत के दावे के बारे में कोई खबर नहीं दी है। इसी तरह एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इस मुद्दे पर अपनी खबर में रोक के आदेश का जिक्र नहीं किया।
जाधव :46: को गत महीने मौत की सजा सुनाई गई थी। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रूख करते हुए आरोप लगाया था कि पाकिस्तान ने जाधव मामले में विएना संधि का उल्लंघन किया है।
भारत ने अपनी अपील में दलील दी है कि उसे जाधव की गिरफ्तारी के बाद लंबे समय तक उसे पकड़े जाने के बारे में जानकारी नहीं दी गई और पाकिस्तान ने आरोपी को उसके अधिकारों के बारे में सूचित नहीं किया।
भारत ने कहा कि विएना संधि का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तानी अधिकारियों ने लगातार अनुरोध के बावजूद जाधव तक राजनयिक पहुंच के भारत के अधिकारों को खारिज कर दिया।
आईसीजे ने आठ मई को एक बयान में भारत से एक अर्जी मिलने की पुष्टि की। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल नयी दिल्ली में कहा कि उन्होंने जाधव की मां से बात की और उन्हें आईसीजे के आदेश के बारे में बताया।
पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को कथित तौर पर ईरान से प्रवेश करने के बाद गत वर्ष तीन मार्च को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान का दावा है कि जाधव ”भारतीय नौसेना का अधिकारी है।” जाधव को ”जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों” के लिए मौत की सजा सुनाई गई।
भारत ने यह स्वीकार किया है कि जाधव नौसेना अधिकारी है लेकिन सरकार के साथ उसके किसी भी तरह के संबंध को खारिज कर दिया। भारत ने कहा कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया।
भारत ने जाधव की मां की अपील भी पाकिस्तान को सौंपी है जिसमें उसके सजा को पलटने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया है।
– भाषा