मास्को : व्लादिमिर पुतिन ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति पद की शपथ ली और अगले छह वर्षों तक देश की सेवा करने का प्रण किया। पुतिन चौथी बार रूस के राष्ट्रपति बने हैं हालांकि इस बार उनका कार्यकाल उनके पिछले कार्यकालों की तुलना में कुछ ज्यादा मुश्किल होने वाला है। पुतिन ने ऐसे समय में रूस की कमान संभाली है जब यहां की अर्थव्यवस्था टूटने के कगार पर है तो वहीं पश्चिमी देशों के साथ इसके संबंध वर्तमान समय में बहुत ही बिगड़े स्वरूप में हैं।
ग्रैंड क्रैमलिन पैलेस के आंद्रेवेस्की हॉल में पुतिन को शपथ दिलाई गई। हाथ में संविधान लेकर पुतिन ने रूस के लोगों की सेवा करने, अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करने के साथ ही रूस की संप्रभुता को भी सुरक्षित रखने का वचन दिया। पुतिन का यह कार्यकाल सन् 2024 में खत्म होगा। रूस के संविधान के मुताबिक पुतिन 2024 के बाद राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। मार्च में रूस में चुनाव हुए थे और पुतिन को 70 प्रतिशत वोट्स मिले। उनके सामने चुनावी मैदान में एलेक्सी नैवालिनी थे लेकिन उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई थी। शनिवार को नैवालिनी और उनके सैंकड़ों समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। ये समर्थक पुतिन के नए कार्यकाल का विरोध कर रहे थे। पुतिन के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अब सभी का ध्यान इस तरफ है कि वह प्रधानमंत्री पद के लिए किसे नॉमिनेट करेंगे।
शपथ ग्रहण के बाद पुतिन ने लोगों को संबोधित किया। पुतिन ने अपने भाषण में कहा कि रूस के लिए अगले छह वर्ष अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसे एक मजबूत और अहम खिलाड़ी साबित करेंगे जिसमें ताकतवर मिलिट्री इसकी मदद करेगी और घर में नागरिकों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। पुतिन ने कहा, ‘इस पद की जिम्मेदारी संभालते ही मुझमें जिम्मेदारी का अहसास है।’ पुतिन जिस समय भाषण दे रहे थे वहां पर रूस के कई अधिकारी और विदेशी मेहमान मौजूद थे जिसमें जर्मनी के पूर्व चांसलर जेरार्ड श्रोएडर भी मौजूद थे।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।