अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर उत्तर कोरिया को हड़काते हुए कहा है कि देश की पूर्ववर्ती सरकारें उसके (उत्तर कोरिया)साथ पिछले 25 साल से बातचीत करती रही हैं लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला, मसलन उसके साथ दूसरी तरह से पेश आना पड़ेगा। श्री ट्रंप ने शनिवार को ट्वीट किया,’ हमारी पिछली सरकारों ने उत्तर कोरिया के साथ समझौतों के लिए बातचीत की और इस पर करोड़ों रूपये भी खर्च किये गये लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। विडंबना यह है कि कलम की स्याही सूखने से पहले ही समझौतों का उल्लंघन होता रहा है।
यह कोरियाई देश इस मामले में हमारे देश को मूर्ख बनाता रहा है। यह बेहद खेदजनक है।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका और उत्तर कोरिया के साथ समझौते हुए लेकिन साथ ही साथ उनका उल्लंघन भी होता गया। मैं माफी के साथ कहना चाहूंगा कि अब इस देश के साथ दूसरी तरह से पेश आना पड़गा। राष्ट्रपति ने कहा,’इतने सालों से समझौतों पर कोई काम नहीं हुआ है, बस उनका उल्लंघन ही हुआ है और हमारे वार्ताकारों को बुरी तरह से मूर्ख बनाया गया है। अब उसके साथ केवल एक‘चीज‘काम करेगी।’
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किस ओर इशारा कर रहे हैं और वह एक‘चीज’क्या है। राष्ट्रपति पहले भी चेतावनी दे चुके हैं कि बार-बार परमाणु परीक्षण कर रहा उत्तर कोरिया अगर कोई गलत कदम उठाता है उसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। श्री ट्रंप ने हाल में कहा,’अगर अत्तर कोरिया अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को नुकसान पहुंचाने वाली कोई कार्रवाई करता है तो अपनी और अपने सहयोगी देशों की रक्षा और हित में कदम उठाते हुए उसको नस्ते-नाबूत कर दिया जायेगा।’
उत्तर कोरिया ने भी अपने परमाणु परीक्षणों पर सवाल उठाये जाने पर बार-बार अमेरिका को धमकाया है और उसे राख में तब्बदील करने की चेतावनी तक दे डाली है।श्री ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के बीच वाक युद्ध का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। उल्लेखनीय है कि तमाम वैश्विक दबाव के बावजूद उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों के परीक्षण पर लगाम नहीं लगा रहा है। हाल ही में उसने जापान पर एक बैलिस्टक मिसाइल का परीक्षण किया, हालांकि यह मिसाइल होक्काइडो के प्रशांत महासागर में गिर गई।
जापान ने उत्तर कोरिया की इस हरकत का कड़ा विरोध किया। जापान ने कहा था कि यह मिसाइल उसके विशेष आर्थिक जोन में जाकर गिरी। उत्तर कोरिया ने इस परीक्षण की पुष्टि करते हुए कहा कि उसने एक और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने कहा, ‘इस परीक्षण का उद्देश्य अमेरिका के साथ विवाद को शांत करना है।
उसने हाल ही में हमारे खिलाफ सैन्य हमले की चेतावनी दी है। हम शक्तिशाली सैन्य प्रतिरोध के साथ इसका मुकाबला करने को तैयार हैं। इसके लिए परमाणु हथियारों का परीक्षण और वास्तविक लड़ाई के दौरान इसके इस्तेमाल के आदेश जारी कर दिए गए हैं।’