बिहार में पहले चरण में औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई चार लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है। इन सभी सीटों पर एनडीए और महागठबंधन प्रत्याशी के बीच चुनावी लड़ाई की उम्मीद जताई जा रही है।
इन सभी सीटों पर महागठबंधन की ओर से राजद के प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं तो एनडीए की ओर से औरंगाबाद और नवादा में भाजपा के प्रत्याशी चुनावी समर में ताल ठोक रहे हैं। वहीं, गया में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा तो जमुई से लोजपा (रामविलास) के प्रत्याशी चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं।
प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं पहले चरण के चुनावी रण में
पहले चरण के चुनावी रण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने -अपने प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित किया।
गया लोकसभा सीट से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का मुकाबला बिहार सरकार में मंत्री रहे कुमार सर्वजीत से है। दोनों अपनी अपनी जीत के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीतन राम मांझी के समर्थन में रैली को संबोधित किया।
एनडीए और महागठबंधन के बीच ही कड़ा चुनावी मुकाबला
वहीं जमुई में भी एनडीए और महागठबंधन के बीच ही कड़ा चुनावी मुकाबला माना जा रहा है। जमुई लोकसभा क्षेत्र से एनडीए की ओर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अरुण भारती और महागठबंधन की राजद प्रत्याशी अर्चना रविदास आमने-सामने हैं। अरुण भारती चिराग पासवान के बहनोई हैं। चिराग पासवान भले ही हाजीपुर से चुनाव लड़ रहे हों लेकिन जमुई के लिए भी खूब पसीना बहा रहे हैं।
औरंगाबाद लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर सुशील कुमार सिंह चुनवी समर में ताल ठोंक रहे हैं। इनका सीधा मुकाबला राजद के अभय कुशवाहा से माना जा रहा है। अभय पहले जदयू में थे और चुनाव के कुछ समय पार्टी बदलकर राजद में शामिल हुए।
नवादा क्षेत्र में भी एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला माना जा रहा है, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी इस लड़ाई को त्रिकोणीय करने में जुटे हैं। एनडीए ने यहां से भाजपा के राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर को मैदान में उतारा है। ठाकुर भाजपा के वरिष्ठ नेता सी.पी. ठाकुर के बेटे हैं। राजद पहले यहां विनोद यादव को टिकट दे रही थी, लेकिन अंतिम समय में पार्टी ने श्रवण कुमार को टिकट दे दिया। इससे विनोद यादव नाराज हो गए और निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए। इन्हें नवादा और रजौली से राजद विधायक का साथ मिलने से मुकाबला रोचक हो गया है।