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Bihar News: बिहार में शेखपुरा के एक सरकारी स्कूल में बुर्का को लेकर बवाल हो गया है। बता दें जब टीचर्स ने छात्राओं के बुर्का पहनकर आने पर ऐतराज जताया तो उन्होंने घर जाकर यह बात अपने परिवार वालों को बता दी। इससे भड़के परिवार वालों ने बुर्के से रोकने पर टीचर्स का सिर कलम करने की धमकी दी है।
आपको बता दें बिहार (Bihar) में स्कूल के एचएम ने कहा कि छात्राएं प्रगति के दौर में हैं और हर सेक्टर में उपलब्धि हासिल कर रही हैं। ऐसे में उन्हें धार्मिक कट्टरता में रखने से उनका संपूर्ण विकास नहीं हो सकता। स्कूल आने वाले सभी बच्चे उसके छात्र-छात्राएं हैं। उनमें किसी तरह का धार्मिक भेदभाव नहीं किया जाता है लेकिन बुर्का पहन कर स्कूल आने की अनुमति नहीं है।
एचएम की यह बात सुनकर अभिभावक उग्र हो गए और बात गाली-गलौज तक आ गई।इतना ही नहीं, एचएम को जान से मारने की धमकी तक दी गई। इस घटना के बाद एचएम ने डीएम और डीईओ को आवेदन देकर जान की सुरक्षा की गुहार लगाई है।वहीं, शिक्षकों और ग्रामीणों से बात की गई तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। स्थानीय लोगों की मानें तो इस विद्यालय में वर्षों से बच्चे पढ़ते आ रहे हैं, लेकिन इस तरह का धार्मिक विवाद कभी देखने को नहीं मिला। दो महीने पहले इस विद्यालय में शिक्षा सेवक की बहाली निकली थी जिसमें महादलित समाज से एक शिक्षा सेवक नियुक्त किया जाना था, लेकिन गांव के ही कुछ राजनीतिक लोगों को भड़का कर स्कूल प्रिंसिपल पर तालीमी मरकज शिक्षा सेवक की बहाली करने का दबाव बनाने लगे, जो नियम के विरुद्ध था।
विवाद के बाद यहां शिक्षा सेवक की बहाली रद्द हो गई जिससे उनके मंसूबों पर पूरी तरह पानी फिर गया. इसके बाद से वह धार्मिक भावनाएं भड़का कर ग्रामीणों के जरिये स्कूल में हंगामे की स्थिति पैदा करवा देते हैं। गौरतलब है कि इस स्कूल में मुस्लिम छात्र-छात्राओं की संख्या काफी तादाद में है। तभी कई अभिभावक और ग्रामीण यहां पहुंचे और कहा कि यह हमारा धार्मिक मामला है। इसे हम लोग नहीं छोड़ेंगे और उन्होंने दबाव बनाना शुरू कर दिया।
इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित जिला प्रशासन को दी गई। उन्होंने कहा कि टोला सेवक की बहाली के दौरान भी यह लोग नियम के विरुद्ध तालीमी मरकज की बहाली की मांग कर रहे थे। इन लोगों के द्वारा विरोध किए जाने की वजह से आज तक ना टोला सेवक की बहाली हुई और ना ही कमेटी का गठन किया गया है। इसके बाद दोनों पक्ष को समझाया बुझाया गया और सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार ही विद्यालय में ड्रेस पहनकर आने की अपील किया गया है। इस पर ग्रामीणों ने भी सहयोग करने का आश्वासन दिया। ग्रामीणों को निर्देश दिया गया है कि अगर किसी तरह की कोई समस्या उत्पन्न हो तो आप लोग अभिभावक गोष्ठी में अपनी समस्या रखें ताकि उसका निदान किया जा सके।
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