बिहार में पिछले छह सालों से बिहार टीचर पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं होने की वजह से मंगलवार को छात्रों ने नाराजगी जाहिर की, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के गेट पर शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया, बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा' कराने की मांग को लेकर विरोध जताया। छात्रों का कहना था कि छह साल से इस परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया है, 2017 से लाखों अभ्यर्थी इसका लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, छात्रों ने कहा कि शिक्षा का अधिकार एक्ट के सेक्शन 23 (1) में इस बात का जिक्र किया गया है, कि प्रत्येक वर्ष राज्य में एक बार शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन अनिवार्य है।
हाई कोर्ट ने परीक्षा को लेकर क्या कही थी बात जानें
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के गेट पर जमकर हंगामा करने वाले अभ्यर्थियों ने बताया कि 2017 में पटना हाई कोर्ट के फैसले पर बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया था, हाई कोर्ट के केस नंबर 14221-2015 में कहा गया है कि हर वर्ष परीक्षा कराई जानी चाहिए, छात्रों का कहना था अगले कुछ महीनों में शिक्षक बहाली के लिए बीएससी पार्ट 2 का आयोजन होना है, बीटीईटी का आयोजन नहीं होने के कारण लाखों छात्र शिक्षक बहाली के लिए बीएससी की परीक्षा से वंचित रह जाएंगे।
इस मामले में आनंद किशोर ने दिया ये जवाब
अभ्यर्थियों ने कहा कि इस गंभीर मामले को लेकर मंगलवार की सुबह उन लोगों ने बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर से मुलाकात की, लेकिन उन्होंने कहा कि इसमें वे कुछ नहीं कर सकते हैं, कहा कि शिक्षा विभाग से आदेश होने के बाद ही हम परीक्षा ले सकते हैं, छात्रों ने कहा कि हम लोग शिक्षा मंत्री से ही मिलेंगे, सरकार को अगर शिक्षक बहाली के लिए बीएससी पार्ट 2 की परीक्षा ले रही है तो भी BTET की परीक्षा जल्द ली जानी चाहिए, छात्रों ने कहा कि शिक्षा विभाग बीटीईटी लिए बगैर बीएससी के परीक्षा लेनी होती है तो हम लोग बिहार के लाखों छात्र इसका विरोध करेंगे।