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अडानी ग्रुप का बड़ा एलान, 1.5 लाख करोड़ रुपयो का करेगी निवेश

Aastha Paswan

Adani Group share: अडानी  ग्रीन एनर्जी लिमिटेड अगले पांच सालों में कच्छ, गुजरात में अपने खावड़ा रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट साइट पर 30 गीगावाट (GW) की कैपेसिटी बढ़ाने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

खावड़ा रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट

अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड अगले पांच सालों में कच्छ, गुजरात में अपने खावड़ा रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट साइट पर 30 गीगावाट (GW) की कैपेसिटी बढ़ाने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन ने साइट के दौरे के बाद यह जानकारी दी है।

रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट का निर्माण

गौतम अडानी का लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़े रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट का निर्माण करना है, जो खावड़ा में 538 वर्ग किमी बंजर भूमि में फैली हुई है, और जो लगभग मुंबई के आकार की है। काम शुरू करने के एक साल के भीतर कंपनी ने प्रोजेक्ट के लिए प्लान किए गए कुल 30GW में से 2GW का ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

4 गीगावॉट जोड़ने की योजना बनाएंगे

विनीत जैन ने कहा "चालू वित्त वर्ष में हम लगभग 4 गीगावॉट जोड़ने की योजना बना रहे हैं, जो मार्च 2025 तक यह 6 गीगावॉट हो जाएगा। अगले सालों में, हम हर साल 5GW जोड़ेंगे। हमारा प्लान देश के अन्य हिस्सों में भी स्थापित करने का है।

हाल ही में खावड़ा में चालू की गई 2 गीगावॉट क्षमता सोलर पावर पर बेस्ड है, प्रोजेक्ट उसी स्थान पर विंड एनर्जी कैपेसिटी भी स्थापित कर रही है। कंपनी ने पहले ही विंगमिल्स इंस्टॉल कर ली हैं और इस साल के अंत में बिजली उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य है।

खावड़ा में क्षमता के शुरू होने के साथ अडानी ग्रीन का ऑपरेटिंग पोर्टफोलियो 10.9 गीगावॉट हो गया है। कंपनी का लक्ष्य 2030 तक 45 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी जनरेट करना है, जिसमें से अधिकांश हिस्सा खावड़ा का होगा। यह पूछे जाने पर कि कंपनी फाइनेंस कैसे जुटाएगी, जैन ने कहा "अगले 7-8 सालों तक 45 गीगावॉट तक, जिसकी हमने 2030 तक योजना बनाई है, हमारे पास एक कंप्लीट फाइनेंशियल मैनेजमेंट प्लान है।"कंपनी के पास मुंद्रा, गुजरात में स्थित विंड टरबाइन जनरेटर के लिए 1.5 गीगावॉट का एक इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम है। यह इस लोकोशन पर 4 गीगावॉट सोलर इक्विपमेंट भी बनाती है।ॉ

कंपनी अपनी अधिकांश क्षमता सोलर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से एक्सपोर्ट करती है, जबकि ग्रुप की खावड़ा यूनिट मुख्य रूप से चीन से इंपोर्ट किए गए इक्विपमेंट पर बनाई गई है। फरवरी तक भारत की कुल इंस्टॉल्ड सोलर पाव कैपेसिटी 75.57 गीगावॉट थी, जिसमें से लगभग 90 प्रतिशत में इंपोर्टेड मॉड्यूल हैं।

नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है। 

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