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निर्मला सीतारमण : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में ग्रामीण क्षेत्रों में क्रेडिट के जरिए बढ़ती खपत की सराहना की, इसे एक क्रांतिकारी बदलाव करार दिया। उन्होंने कहा कि यह विकास प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के प्रभावी कार्यान्वयन के कारण संभव हुआ है। उनके अनुसार, टियर 2, 3 और 4 शहरों में घरेलू खपत में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, जिसमें दोपहिया वाहनों, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, स्मार्टफोन और एफएमसीजी उत्पादों की मांग में तेजी आई है।
सीतारमण ने बताया कि ग्रामीण भारत अब देश के आर्थिक विकास में एक सक्रिय भागीदार की भूमिका निभा रहा है। पीएमजेडीवाई की सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पिछले 10 वर्षों में 53 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं, जिससे ग्रामीण भारत के करोड़ों लोग पहली बार बैंकिंग प्रणाली से जुड़े हैं। वित्त मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि वर्तमान में देश में 80 प्रतिशत वयस्क नागरिकों के पास बैंक खाते हैं, जो 2011 में केवल 50 प्रतिशत थे। इस बदलाव ने वित्तीय सेवाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रामीण भारत में क्रेडिट के माध्यम से बिकने वाले दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी कुल बिक्री में 62 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 58 प्रतिशत है। इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन की बिक्री में भी तेज वृद्धि देखी जा रही है, जो दर्शाता है कि वित्तपोषण के अच्छे विकल्पों के कारण लोग आसानी से सामान खरीद पा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पीएमजेडीवाई के तहत खोले गए बैंक खातों में 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा है। इसके साथ ही, 36 करोड़ से अधिक रुपे कार्ड निशुल्क जारी किए गए हैं, जिनके साथ 2 लाख रुपये का निशुल्क इंश्योरेंस कवर भी दिया जा रहा है।
सीतारमण के बयान ने यह स्पष्ट किया है कि ग्रामीण इलाकों में वित्तीय समावेशन और क्रेडिट की बढ़ती उपलब्धता ने भारतीय अर्थव्यवस्था में एक नई जान फूंक दी है। यह न केवल ग्रामीण विकास को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि देश के समग्र आर्थिक स्वास्थ्य को भी मजबूती प्रदान कर रहा है। इस प्रकार, वित्त मंत्री के अनुसार, ग्रामीण भारत की आर्थिक भागीदारी से देश की विकास की गति और भी तेज हो जाएगी।