सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि रक्षा क्षेत्र (defence sector) में काम करने वाली कंपनियों द्वारा 5,077 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) दर्ज किया गया है।
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रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बजट सत्र के दौरान संसद के निचले सदन में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। भट्ट ने कहा कि रक्षा उद्योग क्षेत्र को मई 2001 में निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए खोल दिया गया था। उन्होंने कहा कि 2020 में रक्षा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को बढ़ाया गया था, नए रक्षा औद्योगिक लाइसेंस की मांग करने वाली कंपनियों के लिए स्वचालित मार्ग के माध्यम से 74 प्रतिशत तक और सरकारी मार्ग के माध्यम से 100 प्रतिशत तक जहां भी आधुनिक प्रौद्योगिकी तक पहुंच होने की संभावना थी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "अब तक रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों द्वारा 5,077 करोड़ रुपये के एफडीआई की सूचना दी गई है। भट्ट ने कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में एफडीआई को प्रोत्साहित करने के लिए विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं के साथ विशिष्ट रक्षा प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और सह-उत्पादन को भी बढ़ावा देती है। एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के लिए अगली पीढ़ी के छह अपतटीय गश्ती जहाजों की खरीद के लिए 20 दिसंबर, 2023 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
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