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ग्रामीण इलाके में रोजगार को मिलेगी रफ्तार , MGNREGA के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड जारी

Desk Team

सरकार ने ग्रामीण इलाकों में रोजगार के लिए 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड जारी किया है। इस साल खराब बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में रोजगार में गिरावट आई है। इसके कारण मनरेगा के तहत काम करने वालों की संख्या में भी कमी आई है। सरकार ने इस साल मनरेगा के लिए 60,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था, लेकिन शीतकालीन सत्र से पहले ही 95 फीसदी बजट खत्म हो गया। यही कारन है की सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड अभी जारी किया है। इसके बाद भी सरकार को 24,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड की जरूरत है।


सरकार ने FY24 में मनरेगा के बजट में कटौती की थी, लेकिन अब उसने अतिरिक्त फंड जारी कर दिया है . 

यह फंड ग्रामीण इलाकों में रोजगार को बढ़ावा देने में मदद करेगा। जो लोग बेरोजगार है और घर चलने के लिए रोजगार की तलाश में है उनको इससे मदद मिलेगा। सरकार ने 28,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड के प्रावधान की बात कही है। अब सरकार ने इसमें से 10,000 करोड़ के फंड को जारी भी कर दिया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा है कि खराब मानसून और धीरे-धीरे हो रहे औद्योगिक सुधार के कारण आमतौर पर श्रमिकों का शहरों की तरफ प्रवास कम देखा गया है। ऐसे में गावं में मनरेगा से काम की मांग में बढ़ोतरी हुई है। आपको बता दे इस वित्त वर्ष में सरकार ने मनरेगा के बजट में बड़ी कटौती की थी और इसे 88,000 करोड़ रुपये से कम करके 60,000 करोड़ रुपये कर दिया था, पर साथ में यह भी कहा था कि जरूरत पड़ने पर सरकार फंड्स को बढ़ा देगी , जो की अभी किया गया है।


क्या है MGNREGA
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम MGNREGA एक रोजगार गारंटी योजना है। 23 अगस्त, 2005 को इस योजना को पारित किया गया था। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य यह है की किसी ग्रामीण परिवार के सार्वजनिक कार्य से संबंधित अकुशल शारीरिक कार्य करने के इच्छुक वयस्क आदमी को हर वित्तीय वर्ष में 100 दिनों के रोज़गार की गारंटी देना है। यानि की इसमें रजिस्टर लोगो को पुरे साल भर में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी।

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