भारत के footwear उत्पादन में तमिलनाडु का 32% हिस्सा है। यह राज्य प्रीमियम ब्रांडों का भी घर है। पिछले साल शुरू की गई एक नीति के साथ, तमिलनाडु में फुटवियर उद्योग का विकास हो रहा है। इस नीति के बाद से, राज्य में 2,250 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के लिए समझौता किया गया है। इसके अलावा, चमड़ा और गैर-चमड़ा फुटवियर निर्यात में तमिलनाडु का 48% हिस्सा है। राज्य सरकार उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। इनमें भूमि की उपलब्धता, शीर्ष श्रेणी के बुनियादी ढांचे का निर्माण और निवेशकों के साथ लगातार बातचीत शामिल है।
तमिलनाडु देश में footwear निर्माण का एक प्रमुख केंद्र है। राज्य में फुटवियर उद्योग में लगभग 1.5 मिलियन से अधिक लोग कार्यरत हैं और यह राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। तमिलनाडु में फुटवियर निर्माण का इतिहास लंबा है। राज्य में फुटवियर निर्माण का प्रारंभ 1960 के दशक में हुआ था। तब से, इस उद्योग में तेजी से विकास हुआ है और आज तमिलनाडु भारत के कुल फुटवियर उत्पादन का लगभग 50% हिस्सा है। तमिलनाडु फुटवियर और चमड़ा उत्पाद नीति, 2022 आने के बाद से 2,250 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के लिए की गई है।
तमिलनाडु में फुटवियर निर्माण के कई कारण हैं। इनमें से एक कारण राज्य में उपलब्ध laboure . तमिलनाडु में कई तकनीकी संस्थान हैं जो फुटवियर निर्माण में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। इसके अलावा, राज्य में कई सरकारी और निजी फुटवियर प्रशिक्षण केंद्र भी हैं। दूसरा कारण राज्य में उपलब्ध कच्चे माल है। तमिलनाडु में चमड़े, रबर और अन्य फुटवियर निर्माण में उपयोग होने वाले कच्चे माल का पर्याप्त प्रोडक्शन होता है।
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