Gold: दीपावली के त्योहार पर सोने-चांदी की खरीदारी का विशेष महत्व होता है। लोग इस शुभ मौके पर ज्वैलरी, बर्तन और पूजा की सामग्री जैसे मूर्तियों की खरीदारी करते हैं। ऐसे में यह तय करना जरूरी है कि खरीदे गए गहने और अन्य वस्तुएं शुद्ध हों।
दीपावली पर सोने-चांदी की खरीददारी का विशेष महत्व होता है. लोग ज्वैलरी, बर्तन और पूजा-पाठ की सामग्री जैसे मूर्तियां आदि खरीदते हैं। ऐसे में जरूरी है कि खरीदने से पहले सोने-चांदी की शुद्धता की जांच कर ली जाए. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के हॉलमार्क सेंटर पर यह जांच आसानी से की जा सकती है। जयपुर में वर्तमान में 22 हॉलमार्क सेंटर हैं, जहां सोने-चांदी की शुद्धता की जांच की सुविधा उपलब्ध है। ये सेंटर जौहरी बाजार, सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र, वैशाली नगर, चांदपील बाजार, वीकेआई, झोटवाड़ा और एमआई रोड जैसे प्रमुख इलाकों में स्थित हैं।
इन सेंटरों पर आप केवल 50 रुपये में अपनी ज्वैलरी या सोने-चांदी के किसी भी प्रकार के सामान की शुद्धता जांच सकते हैं। इस प्रक्रिया में लगभग 10 मिनट का समय लगता है। शुद्धता की जांच के लिए दो तरह के टेस्ट किए जाते हैं। स्किन टेस्ट और मेल्ट टेस्ट। जयपुर के बाजारों में 22 कैरेट यानी 91.6 प्रतिशत शुद्धता वाले हॉलमार्क गहने बिक रहे हैं। अगर सोने-चांदी की स्किन और टांके में 91.6 प्रतिशत शुद्धता मिलती है, तो हॉलमार्क सही माना जाता है। लेकिन अगर इसमें कोई अंतर आता है, तो इसका मतलब है कि गहने में मिलावट है या वह नकली हो सकता है।
अगर सोने-चांदी की खरीदारी के दौरान आभूषण नकली या मिलावट वाला पाया जाता है, तो ग्राहक को मुआवजा मिल सकता है। BIS के नियमों के अनुसार, शुद्धता में कमी पर विक्रेता को दोगुनी राशि के साथ परीक्षण शुल्क लौटाना होगा। ग्राहक BIS के मोबाइल ऐप पर एक्यूआईडी नंबर डालकर भी गहनों की प्रामाणिकता जांच सकते हैं। हॉलमार्किंग से जुड़ी सभी जानकारी BIS की आधिकारिक वेबसाइट www.bis.gov.in पर उपलब्ध है।