देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
खरीफ फसल : केंद्र सरकार ने सोमवार को जानकारी दी कि खरीफ फसल की बुआई 1,104 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। धान, मोटे अनाज, तिलहन और गन्ने की बुआई सामान्य से ऊपर दर्ज की गई है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, धान की बुआई 23 सितंबर तक 413 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष इसी समय 404 लाख हेक्टेयर में बुआई की गई थी।
दलहनों का क्षेत्र कवरेज 128.58 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जबकि पिछले वर्ष यह 119.28 लाख हेक्टेयर था। मोटे अनाज की बुआई 192.55 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले वर्ष की 186.07 लाख हेक्टेयर से अधिक है। तिलहन की बुआई 193.32 लाख हेक्टेयर में हुई, जबकि पिछले वर्ष यह 190.92 लाख हेक्टेयर थी।
गन्ने की बुआई में भी वृद्धि हुई है, जो 57.68 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई, जबकि पिछले वर्ष यह 57.11 लाख हेक्टेयर थी। बेहतर मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच वर्षों के औसत से अधिक हो गई है। असिंचित क्षेत्रों में बुआई की प्रक्रिया आसान हुई है, जो देश की कृषि भूमि का लगभग 50 प्रतिशत है। इसके अलावा, बागवानी उत्पादन 2023-24 में 28.98 मिलियन हेक्टेयर में लगभग 353.19 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, फलों, शहद, फूलों, मसालों और औषधीय पौधों का उत्पादन बढ़ने की संभावना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और संबंधित क्षेत्रों में उत्पादन और लचीलापन बढ़ाने के लिए बजट 2024-25 में 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे कृषि क्षेत्र को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। इस प्रकार, सरकार की नीतियों और बेहतर मानसून ने किसानों के लिए सकारात्मक अवसर प्रस्तुत किए हैं।