केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 'भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और हमारा निर्यात भी बढ़ रहा है। कोविड-19 की दूसरी लहर के बावजूद, भारत ने अप्रैल-जून 2021 की पहली तिमाही में अब तक का सबसे अधिक निर्यात दर्ज किया। इंजीनियरिंग, चावल, ऑयल मील और समुद्री उत्पादों समेत विभिन्न क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात इस साल जून तिमाही के दौरान निर्यात बढ़कर 95 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।
अप्रैल-जून 2018-19 के दौरान व्यापारिक निर्यात 82 अरब डॉलर और 2020-21 की अंतिम तिमाही के दौरान 90 अरब डॉलर था। 2020-21 की जून तिमाही में निर्यात 51 अरब डॉलर था। जबकि इसी वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में निर्यात 90 अरब डॉलर रहा था। पिछले महीने देश का निर्यात 47 प्रतिशत उछलकर 32 अरब डॉलर रहा था। गोयल ने कहा कि इस साल अप्रैल-जून तिमाही में देश का वस्तुओं निर्यात किसी तिमाही में अबतक का सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी संबद्ध पक्षों के साथ मिलकर काम करेगा।
महामारी के बावजूद, 2020-21 में 81.72 अरब डॉलर का एफडीआई प्रवाह रहा, जो अब तक का सबसे अधिक है। अप्रैल 2021 में एफडीआई प्रवाह 6.24 अरब डॉलर रहा, जो अप्रैल 2020 की तुलना में 38 फीसदी अधिक है। आगे उन्होंने कहा कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा 623 जिलों में मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 50,000 हो गई है।
महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने करीब 2.7 लाख करोड़ रूपए के अनुमानित निवेश वाली 20 महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को कहा गया कि मंत्री ने परियोजनाओं को समय पर चालू करने के लिए लंबित मुद्दों का जल्द समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और समयसीमा तय की।
बयान के मुताबिक जिन परियोजनाओं की समीक्षा की गई, उनमें पूर्वी और पश्चिमी मार्गों पर समर्पित फ्रेट गलियारे और अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारा (एकेआईसी) शामिल हैं। गोयल ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की नियमित बहुस्तरीय निगरानी पर भी जोर दिया, जो देश में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
बयान में कहा गया कि मंत्री ने करीब 2.7 लाख करोड़ रूपए के अनुमानित निवेश वाली 20 महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के 59 मुद्दों की समीक्षा की। बैठक में रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और राजमार्ग, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन सहित प्रमुख केंद्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक 29 जून को हुई।