व्यापार

भारत- नाइजीरिया के बीच जल्द फाइनल होगा लोकल करेंसी सेगमेंट समझौता

Aastha Paswan

Local Currency Settlement System: भारत और नाइजीरिया जल्द ही स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली समझौते यानी लोकल करेंसी सेटलमेंट सिस्टम एग्रीमेंट को अंतिम रूप दे सकते हैं। अबुजा में आयोजित भारत-नाइजीरिया संयुक्त व्यापार समिति के दूसरे सत्र में यह निर्णय लिया गया, जिसमें डिजिटल अर्थव्यवस्था और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस तथा फार्मास्यूटिकल्स सहित कई फोकस क्षेत्रों की पहचान की गई।

Highlights

  • स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली समझौता नजदीक
  • अबुजा में आयोजित भारत-नाइजीरिया समीती में मंथन

 लोकल करेंसी सेगमेंट समझौते पर मंथन

भारत और नाइजीरिया जल्द ही स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली समझौते यानी लोकल करेंसी सेटलमेंट सिस्टम एग्रीमेंट को अंतिम रूप दे सकते हैं। इसका मकसद दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करना है। नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में 29 और 30 अप्रैल 2024 को आयोजित भारत-नाइजीरिया संयुक्त व्यापार समिति (JTC) के दूसरे सत्र में इस पर विस्तार से चर्चा की गई।  भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों में हाल के घटनाक्रमों की समीक्षा करने के लिए लंबी बातचीत की है। वार्ता में इस मामले में आगे बढ़ने के लिए दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है। उनके साथ नाइजीरिया में भारत के उच्चायुक्त जी बालासुब्रमण्यम और वाणिज्य विभाग की आर्थिक सलाहकार प्रिया पी नायर भी थीं।

वाणिज्य मंत्रालय ने दी जानकारी

वाणिज्य मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार, व्यापक वार्ता के दौरान, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों में हाल के घटनाक्रमों की विस्तृत समीक्षा की और आगे विस्तार के लिए विशाल अप्रयुक्त क्षमता को स्वीकार किया।

भारत और नाइजीरिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार

भारत और नाइजीरिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 11.8 बिलियन अमरीकी डॉलर था। वर्ष 2023-24 में, द्विपक्षीय व्यापार 7.89 बिलियन अमरीकी डॉलर पर है, जो गिरावट का रुख दर्शाता है।

27 बिलियन अमरीकी डॉलर के कुल निवेश के साथ, लगभग 135 भारतीय कंपनियां नाइजीरिया के जीवंत बाजार में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि ये निवेश विविध क्षेत्रों में किए जाएंगे, जिनमें बुनियादी ढांचा, विनिर्माण, उपभोक्ता वस्तुएं और सेवाएं शामिल हैं।

नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है। 

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