Bengluru: भारत आईटी सेक्टर में नौकरी देने के लिए जाना जाता है। भारत में कई दिग्गज आईटी कंपनियां हैं जो बड़े पैमाने पर देश के युवाओं को नौकरी देती है। लेकिन हाल की एक रिपोर्ट में इन्हीं आईटी सेक्टर की जॉब्स में बड़े स्तर पर छंटनी किए जाने का दावा किया गया है।
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दरअसल, भारत के आईटी सर्विस सेक्टर में जारी मंदी, प्रमुख आईटी कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष में लगभग 70 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी करने वाली कंपनी ,टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), विप्रो और टेक महिंद्रा समेत अन्य कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023-24 में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की।
इंफोसिस ने 25,994 कर्मचारियों को निकाला, वहीं टीसीएस ने 13,249 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया। आईटी दिग्गज विप्रो (wipro) ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 6,180 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया। पूरे साल में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में 24,516 की गिरावट आई। वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में टेक महिंद्रा के कर्मचारियों की कुल संख्या 1,45,455 थी। इसमें चौथी तिमाही में 795 और पूरे साल में 6,945 की कमी आई थी।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक आदित्य झावेर ने कहा कि प्रौद्योगिकी खर्च में मंदी इस वित्त वर्ष में जारी रहेगी। जिसका असर आईटी सेवा प्रदाताओं की राजस्व वृद्धि पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, BFSI और खुदरा क्षेत्रों से राजस्व में चार-पांच प्रतिशत की धीमी वृद्धि के साथ गिरावट जारी रहेगी, जबकि विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवा में 9-10 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि होगी।
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