Sugar Price Hike: दुनियाभर में चीनी की कीमतें आसमान छू रही हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी का भाव 28 सेंट प्रति पाउंड तक पहुंच गया है, जो 12 साल में सबसे ऊंचा स्तर है। भारत से निर्यात में कमी और ब्राजील में लॉजिस्टिक दिक्कतों के कारण चीनी की आपूर्ति में कमी आई है।भारत में चीनी का एक्सपोर्ट पर फिलहाल प्रतिबंध है। सरकार चाहती है कि कीमतें नियंत्रण में रहें, खासकर त्योहारी सीजन के दौरान। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है और निर्यात में कटौती का असर वैश्विक बाजार पर पड़ता है।
देश में इस साल 2018 के बाद से सबसे कमजोर मानसून देखा गया है और चालू सीजन में गन्ने के उत्पादन में गिरावट की आशंका है। इससे कीमत बढ़ने का असर मुद्रास्फीति पर पड़ सकता है।व्यापार अनुमान के अनुसार, भारत में चीनी की कीमत दूसरी तिमाही में साल-दर-साल 5-8 फीसदी बढ़ी है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) के मुताबिक, 2023-24 विपणन वर्ष में भारत का चीनी उत्पादन 8 फीसदी गिरकर 33.7 मिलियन मीट्रिक टन होने की संभावना है।
Sugar Price Hike: इस बात को भी ध्यान में रखना जरूरी है कि कुछ चीनी को इथेनॉल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। चीनी मिलों ने पिछले विपणन वर्ष में इथेनॉल उत्पादन के लिए 4.1 मिलियन टन चीनी का उपयोग किया था और इस वर्ष भी इतनी ही मात्रा आवंटित की जा सकती है।
इससे व्यापार जगत में यह आशंका पैदा हो गई है कि घरेलू कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार चालू सीजन में चीनी का निर्यात बंद भी कर सकती है।चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक ब्राजील लॉजिस्टिक दिक्कतों से परेशान है।
वहां के बंदरगाह एक अड़चन बनकर उभरे हैं। जहाजों को लोड करने का समय बढ़ गया है और बंदरगाहों पर स्टॉक जमा हो रहा है। उधर सोया की फसल भी आने से समस्या और भी बदतर हो गई है क्योंकि रेलवे और बंदरगाह दोनों ही बुनियादी ढांचे खेप को संभालने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
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