Gold Price: सोना-चांदी दोनों अपना दाम बढ़ाते जा रहे हैं और सोना ऑलटाइम हाई पर गया तो चांदी भी 1000 रुपये उछलकर 78,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर जा पहुंची है। इस तरह त्योहारी सीजन में खरीदारी कैसे हो- ये सवाल है।
इस त्योहारी सीजन में सोने की कीमतों ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। निवेशकों और ग्राहकों की दिलचस्पी इस पीली धातु में काफी बढ़ गई है। अमेरिका की मौद्रिक नीति में संभावित बदलाव और वैश्विक तनाव जैसे कारक सोने की मांग को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। दीवाली और धनतेरस जैसे त्योहारों के चलते भारत में भी इसकी अच्छी खासी मांग नजर आ रही है. ऐसे समय में, जब कई कारणों से दाम बढ़ रहे हैं, सोने की कीमत कहां तक जा सकती है?
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की मांग बढ़ने के कई कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण है अमेरिका के ट्रेजरी यील्ड में गिरावट। बता दें 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड लगातार तीसरे दिन भी गिरा, जिससे बिना ब्याज वाले संपत्तियों जैसे कि सोना ज्यादा आकर्षक हो गया। यह गिरावट इस उम्मीद पर आधारित है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व भविष्य में ब्याज दरों में कटौती करेगा। अमेरिकी मौद्रिक नीति में ढील सोने की कीमतों के लिए गेम चेंजर है, क्योंकि इससे निवेश की मांग में वृद्धि होती है।
विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता भारत है। भारत में दीवाली और धनतेरस के समय सोने की मांग में भारी उछाल देखा जा रहा है। कामा ज्वैलरी के एमडी कॉलिन शाह ने बताया कि ज्वैलर्स और ट्रेडर्स की मजबूत मांग के कारण कीमतें और बढ़ने की संभावना है।
लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन में विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की है कि अगले 12 महीनों में सोने की कीमतें $2,941 (लगभग ₹2,45,000 प्रति औंस) तक पहुंच सकती हैं। रेनीशा चैनानी ने कहा कि अगर वैश्विक रुझान अनुकूल रहे तो सोने की कीमत ₹78,500 प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है।