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Zomato: कंपनी ने पिछले अगस्त में दो रुपये प्रति ऑर्डर मंच शुल्क लेना शुरू किया था, जिसे अब प्रमुख शहरों में धीरे-धीरे बढ़ाकर छह रुपये कर दिया गया है।
अगर आप जोमैटो या स्विगी से फूड ऑर्डर करने के आदी हैं तो आपको थोड़ा सतर्क होने की जरूरत है। दरअसल, ऑनलाइन ऑर्डर पर खाने-पीने का सामान पहुंचाने वाला प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) ने पिछले साल अगस्त से इस साल मार्च तक ग्राहकों से प्लेटफॉर्म फीस (Platform Fee) के रूप में 83 करोड़ रुपये जुटाए हैं यानी एक पैसे का सामान दिए बगैर 83 करोड़ रुपये वसूल लिए।
ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनी जोमैटो ने पिछले साल अगस्त में हर ऑर्डर पर प्लेटफॉर्म फीस लेना शुरू किया था। प्लेटफॉर्म फीस को जोमैटो के एडजस्टेड रेवेन्यू को बढ़ाने वाले तीन प्रमुख फैक्टर्स में से एक बताया गया है। कंपनी की आमदनी पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में सालाना आधार पर 27 फीसदी बढ़कर 7792 करोड़ रुपये हो गई।
कंपनी की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है, "ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू के फीसदी के रूप में एडजस्टेड रेवेन्यू में ग्रोथ जारी रही, जिसका मुख्य कारण रेस्टोरेंट कमीशन दरों में बढ़ोतरी, ऐड मोनेटाइजेशन में सुधार और पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से प्लेटफॉर्म फीस की शुरुआत है।
कंपनी ने हाल ही में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी का नेट प्रॉफिट पहली तिमाही के दौरान कई गुना बढ़कर 253 करोड़ रुपये हो गया।
2 अगस्त को जोमैटे के शेयरों में 12.11 फीसदी की तेजी देखी गई और यह शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 262.45 रुपये के भाव पर बंद हुआ था।
(Input From ANI)
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