Delhi/ Mayor Election : दिल्ली में शुक्रवार को मेयर और डिप्टी मेयर की चुनाव होने वाली है इसी बीच आम आदमी पार्टी के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली मेयर चुनाव होने वाले और अब तक पीठासीन के नाम वाली फाइल चुनी हुई सरकार को नहीं दी गयी है| सौरभ भारद्वाज का यह आरोप है की प्रक्रिया के अनुसार आउट गोइंग मेयर ही पीठासीन अधिकारी होते है परन्तु यहाँ एलजी वर्तमान में अपनाई जा रही प्रक्रिया को तोड़ने में लगें हैं| जो फाइल सबसे पहले मेरे पास आकर फिर सीएम और उपराज्यपाल को भेजनी चाहिए पर वह बिना मेरे संज्ञान में लाए एलजी को भेज दी गई|
Highlights:
आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज के अनुसार 26 अप्रैल को होने वाले मेयर चुनाव को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। क्योंकि अभी तक पीठासीन अधिकारी का चयन नहीं किया गया है| बता दें, नियमानुसार बिना पीठासीन के मेयर का चुनाव नहीं हो सकता है। सौरभ भारद्वाज ने प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए कहा कि MCD एक्ट के सेक्शन 77- A में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में फाइल उसी प्रकिया के तहत भेजी जानी चाहिए थी, जिसके तहत पहले हुए चुनावों में भी अपनाया जाता रहा है| फाइल को दिल्ली सरकार के संज्ञान में लाये बिना एलजी को भेज दिया गया।
गौरतलब हो कि इसी हफ्ते बुधवार को दिल्ली मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने NOC जारी किया था, जारी अधिसुचना में शुक्रवार को होने वाले मेयर चुनाव को लेकर सूचित किया गया था।
दिल्ली मेयर चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है जिसके अनुसार 26 अप्रैल को चुनाव होगी। सामान्यतः निगम, मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में ECI का कोई प्रत्यक्ष रोल नहीं होता है परन्तु वर्तमान में लोकसभा चुनाव के कारण आचार्य संहिता लगने की वजह से ECI की अनुमति लेनी जरूरी है | इसलिए निगम सचिव द्वारा ECI से अनुमति के लिए पत्र भेजा गया साथ ही एलजी को भी फाइल भेजी गई जिसके बाद ECI ने चुनाव कराने की अनुमति दी थी।
नियम के मुताबिक मेयर चुनाव में तारीख तय होने के बाद पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए सबसे पहले निगम सचिव द्वारा फाइल को आगे बढ़ाया जाता है फिर फाइल निगम कार्यालय आयुक्त से शहरी विकास विभाग के पास जाता है और अंत में एलजी ऑफिस के पास जाता है| नियमों के आधार पर मेयर डिप्टी मेयर का चुनाव करने का अधिकार पीठासीन अधिकारी के पास होता है यदि तत्कालीन मेयर अगली बार मेयर के लिए उपलब्ध न हो तो पूर्व मेयर को ही पीठासीन अधिकारी के तौर पर नियुक्त करने का प्रावधान है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।