देहरादून : उत्तराखंड में अब निकाय चुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है। प्रदेश में चुनाव 18 नवंबर को ही होंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने प्रेसवार्ता कर निकाय चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू करने की घोषणा की। प्रदेश में 7 नगर निगम, 39 नगर पालिका और 38 नगर पंचायतों में चुनाव संपन्न होंगे। तीन निकायों में आरक्षण लागू न होने के कारण 92 निकाय में से केवल 84 निकाय में ही चुनाव संपन्न किए जाएंगे।
साथ ही अधिसूचना भी जारी कर दी है। सरकार ने निकाय चुनाव का जो प्रस्ताव तैयार किया है, उस पर आयोग पहले ही सहमति जता चुका है। नगर विकास मंत्री मदन कौशिक के मुताबिक, न्यायालय के आदेश के क्रम में सरकार चुनाव प्रक्रिया में जुट गई है। आयोग ने चुनाव की तैयारियों की स्थिति साफ कर दी है। 39 नगर पालिकाओं के साथ ही 38 नगर पंचायतों के अध्यक्षों का आरक्षण जारी उच्च न्यायालय के आदेश के बाद प्रदेश सरकार निकाय चुनाव की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में जुट गई है। शासन ने 39 नगर पालिकाओं के साथ ही 38 नगर पंचायतों के अध्यक्षों का आरक्षण जारी कर दिया।
पांच नगर पंचायतों को छोड़ दिया जाए, तो सभी नगर पंचायतों में आरक्षण की स्थिति अब साफ है। पांच नगर पंचायतों में तीन बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री में चुनाव नहीं होते हैं। सेलाकुई और भतरौंजखान नगर पंचायतों के गठन पर ही हाईकोर्ट का स्टे लागू है। इन स्थितियों के बीच, यदि नगर पालिका परिषदों की बात करें, तो श्रीनगर और बाजपुर के अध्यक्ष पद का आरक्षण घोषित नहीं हो पाया है। सरकार ने रविवार को 84 नगर निकायों में मेयर व चेयरमैन के पदों के लिए आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी। सबसे बडे़ नगर निगम देहरादून का मेयर पद सामान्य घोषित किया गया है। वहीं, पहली बार नगर निगम बने कोटद्वार और ऋषिकेश समेत हरिद्वार में भी मेयर पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है।