दिल्ली

ट्रैक्टर रैली में घायल हुए पुलिसकर्मियों को लेकर केंद्र संवेदनशील, गृह मंत्री ने अस्पताल जाकर पूछा हालचाल

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों से मुलकात करने के लिए दो अस्पतालों का दौरा किया।

Desk Team
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों से मुलकात करने के लिए दो अस्पतालों का दौरा किया। सिविल लाइन के तीरथराम शाह अस्पताल और सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर जाकर पुलिसकर्मियों से हलचल जाना। अधिकारियों ने इस बारे में बताया। किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा की घटनाओं में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए। किसान नवंबर से ही केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
शाह ने ट्वीट किया, ''दिल्ली पुलिस के घायल कर्मियों से मिल रहा हूं। हमें उनके साहस और बहादुरी पर गर्व है।'' केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव भी गृह मंत्री के साथ थे। शाह ने इस दौरान पुलिसकर्मियों से बातचीत की और चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी ली।
योजना के अनुसार गृह मंत्री सुश्रुत ट्रामा सेंटर और तीरथ राम अस्पताल का दौरा कर रहे हैं। इन अस्पतालों में कुछ घायल कर्मियों को इलाज के लिए भर्ती किया गया है। दोनों अस्पताल सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित हैं।दिल्ली पुलिस ने बुधवार को आरोप लगाया था कि किसान नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए और वह हिंसा में शामिल हैं। हिंसा और तोड़-फोड़ में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए हैं। 
बता दें कि दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान यूनियनों ने ट्रैक्टर परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया। परेड दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे के बीच होनी थी और उसमें 5,000 टैक्टरों को शामिल होना था। गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड का लक्ष्य कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग करना था।
दिल्ली पुलिस ने राजपथ पर समारोह समाप्त होने के बाद तय रास्ते से ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति दी थी, लेकिन हजारों की संख्या में किसान समय से पहले विभिन्न सीमाओं पर लगे अवरोधकों को तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए। कई जगह पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई और पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। ट्रैक्टर परेड के दौरान आईटीओ के पास ट्रैक्टर पलटने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गयी थी।